एमएचसीईटी का नया टाईमटेबल भी 30 अप्रैल के बाद, जानिए - अब ई लर्निंग से कैसे होगी पढ़ाई

Know - Now how to study with e-learning
एमएचसीईटी का नया टाईमटेबल भी 30 अप्रैल के बाद, जानिए - अब ई लर्निंग से कैसे होगी पढ़ाई
एमएचसीईटी का नया टाईमटेबल भी 30 अप्रैल के बाद, जानिए - अब ई लर्निंग से कैसे होगी पढ़ाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लॉक डाउन को ध्यान रखते हुए स्टेट कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) सेल ने महाराष्ट्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट सेल (एमएचसीईटी) का नया टाईमटेबल 30 अप्रैल के बाद जारी करने का निर्णय लिया है। यह परीक्षा 13 से 23 अप्रैल तक होने वाली थी। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण परीक्षा रद्द करनी पड़ी। विद्यार्थियों को सूचना दी गई थी कि लॉक डाउन समाप्त होने के बाद नया टाईमटेबल जारी होगा। अब केंद्र सरकार ने लॉक डाउन 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। ऐसे में सीईटी सेल ने भी सूचना जारी कर दी है कि वे नया टाईमटेबल 30 अप्रैल के बाद ही जारी करेंगे। सीईटी सेल ने विद्यार्थियों से परीक्षा की तैयारी जारी रखते हुए लगातार अधिकृत वेबसाईट चेक करने के निर्देश दिए हैं। 5 अप्रैल को जारी होने वाले एडमिट कार्ड जनरेट करने पर भी सीईटी सेल की ओर से कुछ नहीं कहा गया है। उल्लेखनीय है कि इंजीनियरिंग, फार्मसी, हॉटल मैनेजमेंट, बिजनेस मैनेजमेंट पाठ्यकमों में प्रवेश के लिए सीइटी सेल द्वारा हर वर्ष एमएचसीईटी परीक्षा का आयोजन किया जाता है। हर वर्ष एमएचसीईटी परीक्षा में राज्य से करीब 4 लाख विद्यार्थी शामिल होते हैं। विदर्भ के 40 हजार विद्यार्थी शामिल होते हैं।

 

अब सोशल मीडिया की मदद से होगी पढ़ाई, विद्यार्थियों-शिक्षकों से मांगे सुझाव

लॉक डाउन 30 अप्रैल तक बढ़ गया है। शिक्षा संस्थानों के लिए लॉक डाउन 30 अप्रैल के बाद भी जारी रहेगा। स्थिति ऐसी है कि कई शिक्षा संस्थान अपना पाठ्यक्रम पूरा नहीं करा सके और लॉक डाउन लागू हो गया। ऐसे में अब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने ई-लर्निंग को गंभीरता से लागू करने का निर्णय लिया है। इसी के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने भारत पढ़े ऑनलाइन अभियान लांच किया है। इस अभियान के तहत विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच ई-लर्निंग के जरिए लिंक स्थापित किया जाएगा, ताकि विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान ना हो। यूजीसी ने पहले ही शिक्षा संस्थानों के लिए ऑनलाइन पाठ्यक्रम उपलब्ध कराया है। इसे अब वाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म की मदद से उसे विद्यार्थियों तक पहुंचाया जाएगा। ऐसे में अब सोशल मीडिया टाईमपास का नहीं पढ़ाई का भी एक जरिया बनने जा रहा है। यूजीसी ने इस योजना को विस्तार देने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का भी गठन किया है।  नागपुर समेत देश भर के शिक्षा संस्थानों को पत्र लिख कर इसकी सूचना दी है।

विद्यार्थियों-शिक्षकों से मांगे सुझाव

ई-लर्निंग को देश की शिक्षा प्रणाली में पूरी तरह लागू करने के लिए यूजीसी ने विद्यार्थियों, शिक्षकों और शोधार्थियों समेत सभी घटकों से उनके सुझाव मांगे है। यूजीसी इस मूहिम को पूरी तरह यूजर फ्रेंडली बनाना चाहता है। ऐसे में विद्यार्थियों से उनकी समस्याएं और सुझाव जाने जा रहे है। ई-लर्निंग में एक मुख्य समस्या है कि देश के सभी क्षेत्रों में एक जैसी बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट स्पीड अच्छी नहीं होती। ऐसे में यह ई-लर्निंग में एक बड़ी बाधा होगा। जिसके चलते ऑनलाइन स्ट्रिमिंग की जगह वीडियो डाउनलोड का विकल्प दिया गया।

 

एनएसएस यूनिट ने उठाया सामाजिक दायित्व, शुरु किया कम्यूनिटी किचन

कोरोना संकट के कारण कई लोगों पर दो वक्त के खाने का संकट आ गया है। मनपा के शेल्टर होम से लेकर खुद अपने अपने घरों में लोगों को भोजन का प्रबंध करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) यूनिटी ने सराहनीय कदम उठाया है। एनएसएस द्वारा विवि के लोअर हॉस्टल में कम्यूनिटी किचन शुरु किया गया है। जहां मनपा के शेल्टर होम में फंसे लोगों या फिर अन्य कोई भी व्यक्ति जिसे भोजन की जरुरत हो, उन्हें भोजन दिया जा रहा है। हर दिन 800 से 1000 फूड पैकेट वितरित किए जा रहे हैं। महानगरपालिका के अनुरोध पर विवि ने यह मुहिम शुरु की है। इस काम में समाज के कुछ लोगों ने भी साथ दिया है। एनएसएस संचालक डॉ.केशव वालके ने बताया कि शहर में लोगों की भोजन की जरुरत को देखते हुए एनएसएस ने कम्यूनिटी किचन शुरु किया है। विवि प्रभारी कुलगुरु डॉ.मुरलीधर चांदेकर और प्रभारी कुलसचिव डॉ.नीरज खटी के निरिक्षण में यह मुहिम शुरु की गई है। हर दिन 500 फूड पैकेट तैयार करके जरुरतमंदों में वितरित किए जा रहे हैं। 

Created On :   13 April 2020 4:00 PM IST

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