जिले के आसपास के लगभग सभी जिलों के भक्त दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। इतना ही नहीं मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा देश के विभिन्न राज्यों से भक्त उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। बुधवार को जस्टिस नितीन सामरे, मुंबई हाईकोर्ट के जस्टिस कार्नीस, नागपुर के एडिशनल जज कुलकर्णी, जस्टिस सपना जोशी, जज के.जे. रोही ने भी दर्शन किए। संस्थान के मार्गदर्शक चंद्रेशखर बावनकुले ने काफी मशक्कत कर मंदिर की सुंदरता में चार चांद लगाए, जिससे चारों ओर सुंदरता ही सुंदरता नजर आ रही है। कोराडी माता के इस मशहूर मंदिर के भव्य गर्भगृह में चांदी के पत्रों पर मनमोहक नक्काशी आकर्षक रोशनाई से जगमगा रहा है। भव्य विस्तारित सभागृह जिसे अत्यंत सुंदर तरीके से सजाया गया है जो देखते ही बनता है। मंदिर का विशाल दायरा धूप और बारिश से बचने भक्तों के लिए अलग-अलग वाटरप्रूफ मंडप, भव्य महाद्वार से दूरी से कतार में होने के बाद भी मां के सन्मुख का दर्शन होता है, यह एक विशेषता है। भक्तों को इससे सुखद आनंद मिल रहा है। गर्भगृह के भव्य प्रवेश द्वार, आम भक्तों की शिस्तबद्ध कतार एक ही कतार में महिला-पुरुष बच्चे बड़े शांति से मां के दर्शन का लाभ ले रहे हैं। संस्थान का उचित नियोजन भक्तों को सुखकारी हो रहा है। बेखौफ होकर बड़े हर्षाेल्लास के साथ मां के दर्शन लाखों भक्त कर रहे हैं। सबसे अहम बात यह है कि, भक्तों की बढ़ती तादाद को ध्यान में रख मंदिर प्रशासन ने सभी व्यापक इंतजाम किए हैं।
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कोराड़ी - पांच दिनों में पच्चीस लाख से अधिक भक्तों ने किए माता के दर्शन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अश्विन नवरात्र महोत्सव के दौरान कोराडी मंदिर में हर रोज भक्तों का जनसागर उमड़ रहा है। दिन-रात श्रद्धालु मां का जयकारा लगाते हुए मंदिर पहुंच रहे हैं। नागपुर से कोराडी तक जिधर देखो उधर जय माता दी का जयघोष हो रहा है। रविवार से प्रारंभ हुए महोत्सव के चलते कोराडी में पंढरपुर का स्वरूप नजर आ रहा है। पांच दिनों में पच्चीस लाख से अधिक भक्तों ने मां कोराडी वाली के दर्शन का लाभ लिया। इस दौरान कई विशिष्टों ने भी यहां आकर माथा टेका। अश्विन नवरात्र महोत्सव 29 सितंबर प्रतिपदा से प्रारंभ हुआ। प्रथम दिवस रविवार अवकाश होने से तथा बुधवार चतुर्थी 2 अक्टूबर महात्मा गांधी जयंती की छुटी होने से कोराडी में लाखों का जनसैलाब मां जगदंबा के दर्शन के लिए उमड़ा। मंदिर सुबह 4 बजे खुलता है तथा रात 2 बजे बंद होता है। केवल 24 घंटे में से 2 घंटे मंदिर बंद रहता है। फलस्वरूप रात-दिन भक्तों की लंबी कतार दर्शन के लिए लगी रहती है। जिधर देखो उधर जय माता दी की जयघोष गूंज रही है। भक्तों को भोजन, चाय, नाश्ता, शरबत, दूध, फल आदि अनेक खाद्य पदार्थाें का नागपुर से कोराडी तक जगह-जगह स्वयंसेवी संस्था वितरण कर रही है। मानों कोराडी को पंढरपुर का स्वरूप प्राप्त हो गया है। नागपुर से कोराडी तक पूरी सड़कें भक्तों के वाहनों से खचाखच भरी हुई हैं।


दर्शन के लिए पांच सौ रुपए में वीआईपी पास लेकर एक दिन में पांच लोग वीआईपी गेट से दर्शन का लाभ तथा इक्कीस सौ रुपए में वीवीआईपी पास प्राप्त कर वीवीआईपी जो मंदिर के पिछवाड़े से बना है। स्वाइप कार्ड द्वारा आधुनिक तरीके से प्रवेश का लाभ दिया जा रहा है। मंदिर के समीप भव्य पार्किंग, सुसज्ज यंत्रणा, मंदिर पहुंच में कई मार्ग, भव्य शॉपिंग कॉम्पलेक्स, विशाल प्रसादालय पांच-पांच मिनट में बस, खुला-खुला वातावरण, कहीं से कहीं तक कोई भगदड़ नहीं, सभी सुचारु व्यवस्था, मेले में लगने वाले सभी व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
संस्थान के मार्गदर्शक चंद्रशेखर बावनकुले के मार्गदर्शन में अध्यक्ष एड. मुकेश श्रीनारायण शर्मा, सचिव केशवराव फुलझेले, उपाध्यक्ष अजय विजयवर्गीय, कोषाध्यक्ष बाबूराव भोयर, सहसचिव सुशीला मंत्री, विश्वस्त एड. जी.डी. चन्ने, दयाराम तडस्कर, प्रेमलाल पटेल, अशोक खानोरकर, नंदूबाबू बजाज, दत्तू समरितकर, स्वामी निर्मलानंद महाराज, डा. नंदिनी त्रिपाठी, व्यवस्थापक पंकज चौधरी, गणेश राऊत, विक्की ठाकरे, चौबीस घंटे सेवा में लगे हैं। कोराडी ग्राम पंचायत, महादुला नप, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, बिजली विभाग, मंदिर प्रशासन तथा मेले से संबंधित सभी विभाग के आला अफसर तैनात हैं। चारों ओर भक्तों की भीड़, आकर्षक रोशनाई, जय मां कोराडी वाली की जयघोष गूंज रही है।