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पवार और गडकरी को मानद उपाधि से नवाजा, कोश्यारी ने कहा- कृषि क्षेत्र ने देश को बचाया
डिजिटल डेस्क, अहमदनगर। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि कृषि क्षेत्र ने देश को बचाने का काम किया है। जब कोविड काल में सभी उद्योग बंद थे, तो किसान नहीं रुका, ऐसे में कृषि को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की जरूरत है। इसके साथ ही कृषि विश्वविद्यालयों को मराठी भाषा में भी कृषि एवं प्रौद्योगिकी की शिक्षा देने का प्रयास करना चाहिए। कोश्यारी ने राहुरी में महात्मा फुले कृषि विश्वविद्यालय के 35वें स्नातक समारोह के दौरान यह बात कही। इस मौके पर स्नातकों का मार्गदर्शन करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, सांसद शरद पवार, कृषि एवं भूतपूर्व सैनिक कल्याण राज्य मंत्री एवं विश्वविद्यालय के कुलपति दादाजी भूसे, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के कुलपति डॉ. नरेंद्र सिंह राठौर. राहुरी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.पीजी पाटिल, डीन डॉ. प्रमोद रसाल उपस्थित थे।
इस अवसर पर एनसीपी चीफ शरद पवार और केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी को कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से नवाजा गया। कोश्यारी ने कहा कि महात्मा फुले कृषि विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट गुणवत्तायुक्त शोध कार्य हो रहा है, आधुनिक तकनीक का कुशलता से उपयोग कर अभिनव कार्य किया गया है। विद्यार्थी शोध की दृष्टि से कार्य करेंगे, तो देश विकास की ओर अग्रसर होगा। कृषि विश्वविद्यालयों को अधिक से अधिक पेटेंट मिलना चाहिए। खेती जैविक तकनीक पर आधारित होनी चाहिए। इसके लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
स्नातक समारोह में विभिन्न विषयों के कुल 11 हजार 468 स्नातकों को कुलाधिपति भगत सिंह कोश्यारी द्वारा उपाधि, स्नातकोत्तर और आचार्य की उपाधि से विभूषित किया गया। विभिन्न विषयों के दस हजार 736 स्नातकों को डिग्री, 628 स्नातकों को स्नातकोत्तर डिग्री और 104 स्नातकों को आचार्य की उपाधि से सम्मानित किया गया। विभिन्न विषयों के सफल स्नातकों को गणमान्य व्यक्तियों द्वारा स्वर्ण पदक तथा नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया, कोरोना की पृष्ठभूमि में गणमान्य व्यक्तियों के हाथों केवल पुरस्कार विजेता स्नातकों और आचार्य स्नातकों को सम्मानित किया गया,अन्य स्नातकों को संबंधित कॉलेजों में ऑनलाइन नामांकित किया जाएगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पीजी पाटिल ने विश्वविद्यालय की कृषि शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार शिक्षा की रिपोर्ट प्रस्तुत की, उन्होंने कहा कि जिस तरह कृषि विश्वविद्यालय ने नौकरी चाहने वाले छात्रों को पैदा किया है,उसी तरह इसने नौकरी देने वाले उद्यमी भी पैदा किए हैं।
इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के अधिकार क्षेत्र के सभी कृषि महाविद्यालयों के प्राचार्य, डीन और छात्रों ने टेलीविजन प्रणाली के माध्यम से भाग लिया, समारोह में विश्वविद्यालय कार्यकारिणी तथा अकादमिक परिषद के सभी सदस्यों ने भाग लिया, कार्यक्रम की शुरुआत दिक्षांत (अभिषेक) के साथ हुई,
Created On :   28 Oct 2021 6:43 PM IST