कृष्ण जन्माष्टमी : इस बार द्वापर युग जैसा है सूर्य, चंद्र और रोहिणी नक्षत्र का संयोग 

Krishna Janmashtami : This time combination of Sun, Moon and Rohini like Dwapara
कृष्ण जन्माष्टमी : इस बार द्वापर युग जैसा है सूर्य, चंद्र और रोहिणी नक्षत्र का संयोग 
कृष्ण जन्माष्टमी : इस बार द्वापर युग जैसा है सूर्य, चंद्र और रोहिणी नक्षत्र का संयोग 

डिजिटल डेस्क, नागपुर।ज्योतिष गणना के अनुसार इस साल जन्माष्टमी कई वर्षों बाद अद्भुत संयोग लेकर आ रही है। जिस तरह द्वापर युग में अष्टमी तिथि को सूर्य और चंद्रमा उच्च भाव में विराजमान थे, ठीक इस साल की जन्माष्टमी पर भी रोहिणी नक्षत्र में ये अद्भुत संयोग पड़ रहा है। इस बार जन्माष्टमी 23 और 24 अगस्त दोनों ही दिन मनाई जाएगी। इस जन्माष्टमी पर मनोकामना पूर्ति का योग है, जिसमें भगवान कृष्ण की अाराधना से विशेष फल प्राप्त होता है। भगवान श्रीकृष्ण का प्राकट्य 5246 वर्ष पहले द्वापर युग में भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि, बुधवार को रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि 12 बजे मथुरा में हुआ था। जन्माष्टमी पर चंद्रमा उच्च राशि वृषभ में और सूर्य अपनी स्वराशि सिंह में होंगे। मंगल, शुक्र और बुध अपनी मित्र राशि में हैं। साथ ही सर्वार्थ, अमृत सिद्धि, छत्र व श्रीवत्स जैसे शुभ योग भी रहेंगे। हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस साल भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कब मनाई जाए, व्रत कब किया जाए, इसे लेकर पंचांग में भेद हैं। कुछ पंचांग में 23 अगस्त को और कुछ में 24 अगस्त को जन्माष्टमी की तिथि बताई गई है। ज्योतिषाचार्य पं. गिरधारी लाल पालीवाल के अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। और 23 अगस्त को ये दोनों योग रहेंगे। जबकि श्रीकृष्ण की जन्म स्थली मथुरा में 24 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी।

23 को मनाने के तर्क

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के योग में हुआ था। शुक्रवार, 23 अगस्त को अष्टमी तिथि रहेगी और इसी तारीख की रात में 11.56 बजे से रोहिणी नक्षत्र शुरू हो जाएगा, इस वजह से 23 अगस्त की रात जन्माष्टमी मनाना ज्यादा शुभ रहेगा। भक्तों को 23 अगस्त को ही श्रीकृष्ण के लिए व्रत-उपवास और पूजा-पाठ करना चाहिए। अष्टमी तिथि 24 अगस्त को सूर्योदय काल में रहेगी, लेकिन दिन में तिथि बदल जाएगी। ये दिन अष्टमी-नवमी तिथि से युक्त रहेगा। 

24 को मनाने के तर्क

कृष्ण की जन्म स्थली मथुरा में इस साल 24 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। 24 तारीख को ही यहां के सभी मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनेगा। इस संबंध में मथुरा के ज्योतिषियों का मानना है कि 24 अगस्त को सूर्योदय के समय अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का संयोग रहेगा। इस वजह से 24 अगस्त को जन्माष्टमी मनाना शुभ रहेगा। ज्योतिषाचार्य पं. गिरधारीलाल पालीवाल 23 अगस्त को अष्टमी सुबह 8 बजे से प्रारंभ होगी, जो 24 अगस्त की सुबह 8 बजे तक रहेगी। वैष्णव संप्रदाय सूर्योदय के समय की तिथि के अनुसार चलते हैं। साथ ही में रोहणी नक्षत्र का भी योग है। इसलिए वैष्णव सम्प्रदाय कृष्ण जन्मोत्सव 24 अगस्त को मनाएगा। श्रीकृष्ण का जन्म इन्हीं दोनों योग में हुआ था। स्मार्त संप्रदाय के मंदिरों में, साधु-संन्यासी, शैव संप्रदाय शुक्रवार यानी 23 अगस्त को, जबकि वैष्णव संप्रदाय के मंदिरों में शनिवार यानी 24 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। स्मार्त संप्रदाय यानी जो लोग पंचदेवों की पूजा करते हैं। शैव संप्रदाय वाले शिवजी को प्रमुख मानते हैं। विष्णु के उपासक या विष्णु के अवतारों को मानने वाले वैष्णव कहलाते हैं। ज्योतिषाचार्य पं. गिरधारीलाल पालीवाल के अनुसार  जन्माष्टमी को लेकर पंचांग भेद है। 23 अगस्त को उदया तिथि में रोहिणी नक्षत्र नहीं रहेगा। 

हवेलियों व मंदिरों में उत्सव 

मदनमोहन लालजी हवेली, सीताबर्डी में 24 अगस्त व 25 अगस्त को धूमधाम से जन्माष्टमी उत्सव होगा, जिसमें दिनभर विविध कार्यक्रम आयोजित होंगे। संध्या आरती 7.30 बजे होगी। शयन 8.30 बजे व जागरण दर्शन 9.30 से 11.30 बजे तक होंगे। जन्म दर्शन रात 12 बजे होंगे। 25 अगस्त रविवार को नंद महोत्सव सुबह 10.30 से 11.30 बजे तक होगा। हवेली ट्रस्टियों ने जन्माष्टमी का लाभ लेने का निवेदन किया है। धारस्कर रोड, इतवारी स्थित श्री बालकृष्ष्ण लालजी हवेली में श्री जन्माष्टमी धूमधाम से आयोजित की जाएगी। 24 अगस्त की मंगला सुबह 5.30 बजे, पंचामृत स्नान सुबह 6 बजे तथा तिल दर्शन सुबह 9.30 बजे होंगे। जन्म दर्शन रात 12 बजे होंगे। 25 अगस्त को सुबह 10 बजे नदोत्सव होगा, हवेली ट्रस्टीयों ने लाभ लेने का निवेदन किया है।

जलाराम प्रार्थना भवन में रामकथा शुरू

रामकथा एक ऐसी रहस्यपूर्ण कथा है। जो श्रोता सभी नियमों का पालन कर एवं सभी प्रकार की चिंता का त्याग कर शुद्ध चित्त से कथा में ही ध्यान रखता है। इसके श्रवण का उत्तम फल मिलता है। परम मंगलमयी रामकथा के श्रवण से मन, निर्मल और पवित्र हो जाता है। यह उद्गार जलाराम सत्संग मंडल के तत्वावधान में जलाराम प्रार्थना भवन, क्वेटा कालोनी में ब्रह्मलीन संत हरिबाप्पा के श्रीविग्रह पाटोत्सव एवं जन्मोत्सव निमित्त आयोजित श्रीराम कथा ज्ञानयज्ञ के प्रथम दिन गुजरात राजकोट की रामायणी सरोजबेन ने अपनी अमृतमय वाणी में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्रजा, कुटुम्बी, संपत्ति यहां तक कि मनुष्य के प्राण भी ईश्वर के अधीन हैं। इन सभी बातों को मनुष्य जानते हुए भी अहंकारवश परमात्मा को भूल जाता है। गोस्वामी तुलसीदास कहते हैं- प्रभु राम समर्थ, सर्वज्ञ और कल्याण स्वरूप हैं। सब कलाओं और गुणों के निधान हैं और साथ ही योग, ज्ञान तथा वैराग्य के भंडार हैं। प्रभु सभी शरणागतों के लिए कल्पवृक्ष हैं। बालकांड में गोस्वामीजी ने कहा है, जिनकी माया के वशीभूत संपूर्ण विश्व, ब्रह्मादि देवता और असुर हैं। जिसके स्मरण करते ही ह्दय में दिव्य दृष्टि उत्पन्न हो जाती है और अहंकार रूपी अंधकार का नाश हो जाता हैं। सत्संग बिना विवेक नहीं होता और प्रभु राम की कृपा के बिना सत्संग सहज में नहीं मिलता। जो महामंत्र हैं, जिसे भगवान शिव जपते हैं और उनकी महिमा गणेश जानते हैं। जो इस ‘राम’ नाम के प्रभाव से ही सर्वप्रथम पूजे जाते हैं। बालकांड में श्रद्धा और विश्वास के स्वरूप पार्वती और शिव की वंदना करते हुए कहा हैं कि राम के बिना सिद्धजन अपने अंतःकरण में स्थित ईश्वर को नहीं देख सकते। रामकथा के शुरू में हनुमान को रामकथा में आमंत्रित किया गया तथा रामकथा के रचियता गोस्वामी तुलसीदास की वंदना की गई।  दैनिक यजमान राजेश सादरानी, जयश्री सादरानी, ज्योति पटेल, प्रदीप रूखियाना, नितीन गंडेचा, राजेश राजा ने गणेश पूजन किया।

हरियाली तीज उत्सव मनाया

हैहय क्षत्रिय कलचुरी सभा की महिला समिति ने हरियाली तीज हर्षोल्लास के साथ मनाया। कार्यक्रम में समाज की महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया एवं गाने तथा नृत्य के हुनर को दिखाया। मस्ती भरे इस कार्यक्रम में महिलाओं को उपहार भी दिए गए। महिला समिति की अध्यक्ष सूचित्रा नशीने, राखी पशीने, रेखा पशीने, मुक्त कटकवार, पल्लवी खुबेले, विभा तरहाटे ने अथक प्रयास किए। इस अवसर पर मंगला पशीने, पायल पशीने, मंगला उजवणे, प्रवीणा पशीने, अलका कटकवार, गुलाबी पशीने उपस्थित थीं।

महिला तेली समाज की कार्यकारिणी नियुक्त

महाराष्ट्र प्रांतीय तेली समाज महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रोजगार गारंटी व फलोत्पादन मंत्री जयदत्त क्षीरसागर, विभागीय अध्यक्ष कृष्णराव वंजारी के आदेश के अनुसार तेली समाज महासभा महिला प्रकोष्ठ नागपुर शहर की कार्यकारिणी घोषित की गई। अध्यक्ष पद पर सुरेखाताई कलंबे, उपाध्यक्ष सूचिताताई इटनकर, महासचिव योगिताबाई रेंघे व किरणताई बारई की िनयुक्ति की गई। कार्यक्रम में अरुण धांडे महासचिव ितलक बालपांडे, आदित्य पंधारे, सूरज फेदी, िदलीप ठोंबरे, पंकज कुंभलकर, उपस्थित थे।

बड़ी तीज महोत्सव मनाया

नंदनवन माहेश्वरी महिलाओं द्वारा पुष्पा राठी के घर पर बड़ी तीज महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। तीज माता नीमडी बोरी सुंदर सजाई गई। नीता पनपालिया, कुमद नवगजे, प्रियंका पनपालीया, पूजा चांडक, उमा भट्टड, संगीता भट्टड, डॉ. प्रीति चांडक, ललिता सुधा, पुष्पा राठी का सहयोग रहा।

गुरु बालकदास जयंती 24 को

गुरु घासीदास सतनामी समाज मानव उत्थान ट्रस्ट एवं समस्त सतनामी समाज के तत्वावधान में गुरु बाबा घासीदास के द्वितीय सुपुत्र शूरवीर महान प्रतापी बलिदानी गुरु राजागुरु बालकदास की 218वी जयंती 24 अगस्त को हर्षोल्लास के मनाई जाएगी। समारोह का आयोजन मिनीमातानगर, रागढ़वाड़ी िडप्टी िसग्नल, देशपांडे ले-आउट, नवीननगर तथा उत्तर नागपुर में  गुलमोहरनगर, िवजयनगर, धर्मनगर, भगतनगर में किया जाएगा। गुलमोहरनगर, श्वेताखाम प्रांगण में सुबह 11.30 बजे आरती-पूजा के बाद शोभायात्रा निकलेगी। सतनामी समाज के धर्मगुरु बालदास एवं युवराज गुरु धर्मगुरु खुशवंत साहेब प्रमुख रूप से बग्गी में सवार रहेंगे। रैली में पंथी पार्टी की टीम सतनाम भजन के माध्यम से समाज को बाबा का संदेश देगी। रैली में बड़ी संख्या में सतनामी समाज के अलावा समस्त छत्तीसगढ़ी समाज एवं सर्व मानव समाज उपस्थित रहेगा। धर्मगुरु के हाथों श्वेतखाम पर पालो चढ़ाया जाएगा। इस अवसर पर 10वीं, 12वीं कक्षा में उत्तीर्ण समाज के छात्राओं को सम्मान-पत्र दिया जाएगा। धर्मगुरु आशीर्वचन देते हुए मार्गदर्शन करेंगे। बाद में भंडारा होगा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों में छत्तीसगढ़ के श्रम कल्याण मंत्री  डॉ. शिवकुमार डहरीया, कांग्रेस के हरनाम सिंह, कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. िनतीन राऊत, कांग्रेस के प्रदेश सचिव उमाकांत अग्निहोत्री, विधायक कृष्णा खोपडे, मनपा स्थायी समिति अध्यक्ष प्रदीप पोहाणे, शिवसेना के उपजिला प्रमुख चिंटू महाराज प्रमुखता से उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए नरेंद्र बघेल अध्यक्ष, मुलचंद वंजारे उपाध्यक्ष, मनोज कोसरे सहसचिव, अंजोरदास कुर्रे कोषाध्यक्ष,कृष्णा खुटेल, दलजीत कोसरे, चंद्रकला बांते, संतुलाल भारती आदि प्रयासरत हैं। यह जानकारी ट्रस्ट सचिव तुलसीराम जोशी ने दी। 
 
 

 

Created On :   23 Aug 2019 2:05 PM IST

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