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नवेगांव नागझिरा बाघ प्रकल्प में फॉरेस्ट गाइड की जगह वन मजदूर कर रहे गाइड का काम
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नवेगांव नागझिरा बाघ प्रकल्प में पर्यटकों को फॉरेस्ट गाइडों की सेवा ठप पड़ी है। गाइडों के लिए एक वर्ष के लिए फार्म भरे जाने के नियम से नाराज फॉरेस्ट गाइडों ने पिछले चार दिनों से सेवा बंद कर दी है। महाराष्ट्र राज्य अभयारण्य गाईड्स यूनियन ने सवाल उठाया है कि देश किसी भी बाघ प्रकल्प में इस तरह के नियम नहीं होने पर नवेगांव नागझिरा इस तरह के नियम क्यों लगाए गए हैं। यूनियन के सह सचिव संजय सहारे के अनुसार 6 मार्च को नवेगांव नागझिरा के गेट पर इस तरह संबंध में नोटिस लगाए गए हैं। पिछले वर्ष अभयारण्य के कोका गेट पर भी कुछ गाइडों से जबरन फार्म भरवाए गए थे।
यूनियन की ओर से यह सवाल भी उठाया जा रहा है कि 2013 में वन विभाग और गाइड यूनियन के बीच एक बार ही फार्म भरे जाने के बाबत समझौता होने के बावजूद हर वर्ष फार्म का मसला क्यों उठाया जा रहा है। गाइडों की नियुक्ति वन विभाग की ओर से प्रशिक्षण के बाद ही होती है। फिर इस तरह के नियम का क्या औचित्य है।
वन मजूर कर रहे है गाइड का काम
यूनियन के अध्यक्ष अनिल तिवाडे के अनुसार प्रकल्प पहुंचे वाले पर्यटकों के साथ वन मजदूरों को भेजा जा रहा है। यह पर्यटकों और मजदूरों दोनों के साथ अन्याय है। शनिवार के दिन सुबह से ही पर्यटक गाइड का इंतजार करते रहे, लेकिन उन्हें गाइड की सेवा नहीं मिल पाई।
अधिकारियों ने साधी चुप्पी
अनिल तिवाडे ने बताया कि शुक्रवार को यूनियन नागपुर में प्रधान मुख्य वनसंरक्षक से मिलकर मामले में हस्तक्षेप की अपील की है। इसके पहले 11 मार्च को गोंदिया के मुख्य वनसंरक्षक व प्रधान वनसंरक्षक को मामले की सूचना ई मेल से भेजने के बावजूद कोई प्रतिक्रिया अब तक नहीं मिली है। वन विभाग की जनसंपर्क अधिकारी स्नेहल पाटील ने भी इस तरह के किसी आदेश की जानकारी होने से इनकार किया।
Created On :   16 March 2019 4:23 PM IST