पानी की कमी ला रही आंखों में पानी, विकराल हो रही समस्या

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पानी की कमी ला रही आंखों में पानी, विकराल हो रही समस्या
पानी की कमी ला रही आंखों में पानी, विकराल हो रही समस्या

डिजिटल डेस्क, नागपुर । जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है जलसंकट की स्थिति भी भयावह होने लगी है। जलस्तर कम होने से जहां कुएं,बोरवेल दम तोड़ने लगे हैं वहीं नलों से भी जलापूर्ति काफी कम हो रही है। स्लम इलाकों से लेकर रिहायशी क्षेत्रों तक पानी को लेकर बवाल मचा है। नॉन नेटवर्क एरिया में पानी की समस्या साल भर से बनी है, लेकिन गर्मी आते ही अब नेटवर्क एरिया में भी पानी का मुद्दा गर्माने लगा है। नेटवर्क एरिया में 66 टैंकर दौड़ रहे हैं तो नॉन नेटवर्क एरिया में 267 टैंकर। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि पानी समस्या किस तरह लोगों को परेशान कर रही है।

हालांकि मनपा व OCW प्रशासन द्वारा लगातार समस्या पर मात करने का दावा किया जा रहा है। फिलहाल शहर बढ़ा है। कई ग्रामीण इलाके हुडकेश्वर, नरसाला सहित कई नए इलाके शहर सीमा में शामिल हो गए हैं। जनसंख्या करीब 30 लाख तक पहुंच गई है। 

जहां पायलट प्रोजेक्ट, वहां भी दौड़ रहे टैंकर 
पुरानी व्यवस्था के तहत नई परिस्थितियों में लोगों तक पानी पहुंचाना मनपा के लिए किसी चुनौती से कम साबित नहीं हो रहा है। आलम यह है कि जिस धरमपेठ जोन में 24 बाय 7 जलापूर्ति योजना का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था, उसमें भी 11 टैंकर दौड़ रहे हैं। वजह धरमपेठ जोन में भी दाभा जैसे नॉन नेटवर्क एरिया शामिल हैं। इसके अलावा धरमपेठ जोन में  अनेक स्लम बस्तियां हैं, जहां अभी भी पानी नहीं पहुंचता है। 

रोजाना भारी संघर्ष
यह तो पायलट प्रोजेक्ट जोन की बात रही, लेकिन पूरे शहर में विकट समस्या है। शांतिनगर, पारडी, वाठोडा, नारा-नारी, महेंद्रनगर, कलमना, यशोधरा नगर, हुडकेश्वर नगर, रामेश्वरी, भगवान नगर समेत अनेक इलाके हैं, जहां रोजाना पानी के लिए भारी संघर्ष करना पड़ रहा है। 

निकलने लगे हैं मोर्चे 
रोजाना कहीं न कहीं से मनपा कार्यालयों पर मोर्चे दस्तक दे रहे हैं। शांतिनगर क्षेत्र में तीन पानी टंकियां हैं, फिर भी क्षेत्र के लोगों को पानी की समस्या बनी है। शहर के कई इलाके हैं, जहां अभी भी पूरी क्षमता से पानी नहीं मिलता है।  कुछ जगह दूषित पानी की समस्या भी बनी है। शताब्दी नगर स्थित जलकुंभ से दूषित जलापूर्ति होने की ताजा शिकायत है। 

पानी लाइन बिछाने का काम जारी होने से भी परेशानी
कई इलाकों में पानी लाइन बिछाने का काम जारी होने से भी लोगों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।  हालांकि नॉन नेटवर्क में समस्या ज्यादा है। नेटवर्क नहीं होने से नागरिकों को पीने के पानी के लिए पूरी तरह मनपा के टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। हुडकेश्वर, नरसाला, बेसा, दाभा जैसे इलाकों में लगभग 267 टैंकर दौड़ रहे हैं। ऐसी अनेक समस्याएं है, जिससे नागरिक जूझ रहे है।

इधर टिल्लू पंपों से खींच रहे पानी
समस्या का एक बड़ा कारण यह भी है कि अनेक इलाकों में लोग टिल्लू पंपों से पानी खींच रहे हैं। इस कारण स्थानीय नागरिकों को कम दबाव से जलापूर्ति हो रही है या फिर पानी ही नहीं मिल रहा है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई के लिए मनपा व OCW का दस्ता सक्रिय भी है, लेकिन समस्या से छुटकारा मिलता नहीं दिख रहा है। फिलहाल आगामी जून तक शहर में ऐसी समस्या बरकरार रहने की आशंका है। इसमें नियोजन भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है। 

स्थिति नियंत्रण में 
गर्मी के दिनों में पानी की मांग बढ़ जाती है। हालांकि पहले की तुलना में स्थिति काफी नियंत्रण में है। पिछले वर्ष तक इसी समय में शहर में 450 के करीब टैंकर दौड़ा करते थे। अभी यह संख्या 300 के करीब है। नेटवर्क के बजाय टैंकरों की संख्या नॉन नेटवर्क में ज्यादा है। काफी हद तक समाधान करने की कोशिश की गई है। कुछ जगह समस्या है, लेकिन यह टिल्लू पंप की वजह से ज्यादा है। टिल्लू पंप की वजह से दूसरों का हक मारा जा रहा है।  (सचिन द्रवेकर, जनसंपर्क अधिकारी, OCW)

Created On :   20 April 2018 8:28 AM GMT

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