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बसों पर लाखों के विज्ञापन फिर भी मनपा को कुछ नहीं मिलता

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानगरपालिका का परिवहन विभाग हर माह करोड़ों रुपए के घाटे में चल रहा है। परिवहन विभाग को हर माह 5 से 6 करोड़ रुपए की चपत लगती है, फिर भी घाटे के परिवहन विभाग का आय की तरफ कोई ध्यान नहीं है। बसों के अंदर-बाहर विज्ञापन के लिए स्पेश देकर मनपा आय का इसे बड़ा साधन बना सकती है, लेकिन परिवहन विभाग इसके लिए कोई पॉलिसी लाने के लिए तैयार नहीं है। यही वजह है कि बसों पर लगातार विज्ञापन तो लग रहे हैं, लेकिन मनपा को उनसे कोई आय नहीं हो रही है।
करोड़ों रुपए की आय का बन सकता है साधन
मनपा के अलावा बसों पर विभिन्न कार्यक्रमों का प्रचार किया जाता है, लेकिन इससे मनपा को कोई आय नहीं होती है। यदि इनकी जगह निजी विज्ञापनों का प्रचार किया जाता तो परिवहन विभाग को अच्छी आय होती, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। इतना ही नहीं, आपली बसों के अंदर टीवी लगाने के साथ ही अन्य तरह से विज्ञापन करने की चर्चा भी पूर्व में सामने आई थी, लेकिन बाद में वह ठंडे बस्ते में चली गई।
- महीनों लगे रहते हैं, लेकिन विज्ञापन को नहीं निकाला जाता है
- घाटे के परिवहन विभाग का आय की तरफ कोई ध्यान नहीं
- बसों के अंदर-बाहर विज्ञापन के लिए पर्याप्त स्पेश होता है
- नगरसेवक भी उठा रहे लाभ
परिवहन विभाग के पास बसों पर लगाने को लेकर किसी भी प्रकार की पॉलिसी नहीं है। इसका फायदा इन दिनों नगरसेवक उठाते दिखाई दे रहे हैं। पूर्व में हुए कुछ कार्यक्रमों में नगरसेवकों के फोटो के साथ विज्ञापन लगाए गए थे। वहीं केन्द्रीय मंत्री के नाम पर बसों पर जमकर विज्ञापन लगाए जाते हैं। हैरानी की बात यह है कि विज्ञापन महीनों लगे रहते हैं, लेकिन इसे नहीं निकाला जाता है।
‘कुंभकर्ण नींद’ में परिवहन विभाग
मनपा का परिवहन विभाग इन दिनों ‘कुंभकर्ण की नींद’ में दिखाई पड़ रहा है। बसों पर लगाए जा रहे विज्ञापनों से आय पर उसका कोई ध्यान नहीं है। वहीं करीब 2 साल हो गए, अब तक विज्ञापन के लिए कोई पॉलिसी तैयार नहीं की गई है। परिवहन विभाग के सभापति बंटी कुकड़े को मामले में उनका पक्ष जानने के लिए फोन लगाया तो उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया।
Created On :   2 Jan 2019 4:30 PM IST