स्टेट बैंक की काजरी गांव शाखा प्वॉइंट में हुआ लाखों का घोटाला

Lakhs of scams in the name of depositing money in bank and kiosk
स्टेट बैंक की काजरी गांव शाखा प्वॉइंट में हुआ लाखों का घोटाला
स्टेट बैंक की काजरी गांव शाखा प्वॉइंट में हुआ लाखों का घोटाला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वर्धा जिले की कारंजाघाट तहसील अंतर्गत भारतीय स्टेट बैंक की काजरी गांव शाखा प्वॉइंट के संचालक पर अशिक्षित गरीबों के द्वारा जमा कराई गई रकम डकारने का आरोप लगा है। बताया जाता है कि यह रकम 50 से 60 लाख रुपए की है। गांव धानोली के 50-60 घरों सभी निवासियों को लाखों का चूना लगा है। गांव के गरीब लोगों की रकम डूब गई है। खास यह कि इस प्वाइंट को केवल 10 हजार रुपए तक का लेन-देन करने का ही अधिकार है। भारतीय स्टेट बैंक की काजरी शाखा ने कारंजा घाट पुलिस थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई है।

क्या है मामला

करीब 5 वर्ष पहले भारतीय स्टेट बैंक की काजरी गांव शाखा से जुड़ा कस्टमर सर्विस प्वाइंट प्रारंभ हुआ। इसका संचालन अमोल  गिरडे अपनी एक सहयोगी के साथ करते थे। गांव के लोगों ने अपनी रोज की कमाई और कहीं से आई रकम यहां जमा कराना शुरू किया। सब कुछ सामान्य चलता रहा, जब तक कि किसी ने बड़ी रकम निकालने के लिए आवेदन नहीं किया। वन विभाग के मस्टर पर कार्य करने वाले महादेव शंकरराव ठाकरे जुलाई माह में अपने खाते में जमा रकम को निकालने पहुंचे, तो जानकर हैरान रह गए कि खाते में मात्र 16 हजार रुपए ही हैं, जबकि 1 वर्ष पूर्व 7 जून को उन्होंने 1 लाख 4 हजार रुपए जमा कराया था। इस पर उन्हें ब्याज भी मिलना चाहिए था, लेकिन मात्र 16 हजार रुपए ही बचे। श्री ठाकरे ने बताया कि उन्हें बीमा की राशि 82 हजार रुपए मिली थी। इसमें उन्होंने अपने वेतन के 22 हजार रुपए मिलाकर जमा कराए थे। इसकी पावती भी उनके पास है।

इसी प्रकार दत्तू तांदरकर ने पिछले वर्ष अपना संतरे का बगीचा बेचा और उससे मिली 2 लाख 50 हजार रुपए की राशि 16 मई 2016 को सावधि बैंक में जमा कराई। जब वे अपनी सावधि जमा का पैसा लेने पहुंचे, तो बैंक खाते से  मात्र 5 हजार रुपए ही निकला। प्रभावती चौपड़े के 10 लाख रुपए मात्र 37 हजार में बदल गए। उन्होंने अपने नाम से 3 लाख रुपए जमा किए थे व पति बद्रीनारायण चौपड़े के नाम से 7 लाख रुपए। उनके खाते में 30 हजार जमा हुए और उनके पति के खाते में 7 हजार रुपए मात्र। श्याोदा लांजेवार के 15 हजार रुपए की जगह खाते में मात्र 5 हजार रुपए हैं।

उनके पति ने मजदूरी करके अपनी पत्नी के नाम से यह रकम जमा की थी। बेबी चौपड़े का भी यही हाल है। उसने मजदूरी कर के 15 हजार रुपए जमा कराए थे, जो खाते में 5 हजार ही बता रहे हैं। कलावती चौकरकर किराना दुकान चलाती हैं। उन्होंने बताया कि उसने खाते में थोड़े-थोड़े कर 90 हजार रुपए जमा किए थे, लेकिन अभी पता चला कि उनके खाते में रकम ही नहीं है। सरकारी नौकरी कर रहे पी.जी जामदार के 34 हजार 200 रुपए की जगह खाते में मात्र 4 हजार रुपए दर्शा रहे हैं।

Created On :   1 Sept 2017 4:39 PM IST

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