फर्जी रजिस्ट्री कर बेच दी जमीन, आरोपियों के खिलाफ मामाल दर्ज, दो गिरफ्तारी

Land sold by fake registry, case registered against accused, two arrested
फर्जी रजिस्ट्री कर बेच दी जमीन, आरोपियों के खिलाफ मामाल दर्ज, दो गिरफ्तारी
फर्जी रजिस्ट्री कर बेच दी जमीन, आरोपियों के खिलाफ मामाल दर्ज, दो गिरफ्तारी



डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। फर्जी रजिस्ट्री कर एक ही जमीन को दो बार बेचने वाले आरोपियों पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। शुक्रवार देर शाम पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए चार नामजद आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया है। पुलिस टीम ने शनिवार को इनमें से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों का दो दिन का रिमांड लिया गया है। धोखाधड़ी के संबंध में आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। पूछताछ में अन्य आरोपियों के नाम सामने आ सकते है। इस फर्जीवाड़े को 23 दिसंबर 2020 को दैनिक भास्कर ने प्रमुखता से उठाया था जिसके बाद शुरू हुई जांच के बाद अब आरोपियों पर मामला दर्ज हुआ है।
कोतवाली पुलिस ने बताया कि तहसील कार्यालय में पदस्थ सहायक गे्रड तीन सौरभ भार्गव की शिकायत पर पुलिस ने सुनील पिता सरूचंद उईके वार्ड नंबर 18 चारगांव खिरेटी चौरई, प्रदीप पिता रविशंकर  धुर्वे,  मो. अबरार पिता इस्तयाक अली निवासी दीवानचीपुरा, दीलावर उर्फ पियूष मेनवे निवासी छिदंवाड़ा सहित अन्य पर मामला दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भूमि के कूटरचित दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी कर फर्जी रजिस्ट्री कराने पर धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने इन सभी आरोपियों में से सुनील उईके और प्रदीप धुर्वे को गिरफ्तार कर दो दिन की रिमांड पर लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है जिसके बाद आरोपियों की संख्या पुलिस जांच के बाद और भी बढ़ सकती है। बताया जा रहा है कि पिछले दो वर्षों से फर्जी रजिस्ट्री का खेल किया जा रहा था जिसमें और भी मामले सामने आएंगे।
ऐसे आया था मामला सामने-
फर्जी रजिस्ट्री के इस मामले में तहसील कार्यालय ने रजिस्ट्री विभाग से एमपी 078202017 ए 1242964 (रजिस्ट्री दिनांक 22 दिसंबर 2017) से संबंधित दस्तावेज मंगवाए थे। रजिस्ट्री विभाग ने जब नंबर के आधार पर संपदा साफ्टवेयर को सर्च किया तो पाया कि ऐसा कोई भी प्रकरण कभी पंजीबद्ध नहीं किया गया। रजिस्ट्री से संबंधित कोई भी दस्तावेज भी पंजीयन विभाग में मौजूद नहीं थे। जिसके बाद जांच शुरू होने पर फर्जी रजिस्ट्री का मामला सामने आया था।
यह है मामला-
नगर निगम क्षेत्र के सिवनी प्राणमोती की खसरा नं. 153/60 रकबा 0.559 हेक्टेयर जमीन का है। 2017 तक सरकारी रिकॉर्डों में ये जमीन सिवनी प्राणमोती निवासी नरेश उईके के नाम थी, लेकिन 2019 में ये जमीन चारगांव निवासी सुनील उईके नामक व्यक्ति के नाम हो गई, जबकि जमीन के मालिक नरेश तक को ये खबर नहीं थी कि उसकी जमीन को बेचा जा चुका है। 2017 में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बिकी इस जमीन का नामांतरण दो साल बाद 10 अक्टूबर 2019 को सुनील उईके के नाम हो गया। सरकारी दस्तावेज भी तैयार हो गए, लेकिन इसके बाद भी  फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ये जमीन बाद में सुनील उईके द्वारा बांकानांगनपुर निवासी कुसुम कुमरे को बेच दी गई। इसका भी बकायदा नामांतरण कर लिया गया और किसी को खबर तक नहीं हुई। पूरा मामला तब सामने आया जब तीसरी बार इस जमीन को बेचने की कोशिश हुई।
जमकर चला खरीदी बिक्री का खेल-
2017 में जब इस जमीन को खरीदा गया तो रजिस्ट्री में 80 लाख 36 हजार 530 रुपए कीमत दर्शाई गई। जबकि 2019 में जब ये जमीन दोबारा बेची गई तो इसकी कीमत 57 लाख 47 हजार 784 रुपए में विक्रय दर्शाया जा रहा है। 80 लाख में जमीन खरीदकर इसे 57 लाख में बेचना भी अधिकारियों ने जांच में लिया है।

Created On :   6 Feb 2021 10:43 PM IST

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