बगहा में भूमाफिया को बड़ा झटका, सरकारी घोषित किए गए 2 तालाब  -कलेक्टर कोर्ट का निर्णय, दस्तावेज भी दुरुस्त 

Landfall in Bagaha a big blow, 2 ponds declared government-collector court, documents also correct
बगहा में भूमाफिया को बड़ा झटका, सरकारी घोषित किए गए 2 तालाब  -कलेक्टर कोर्ट का निर्णय, दस्तावेज भी दुरुस्त 
बगहा में भूमाफिया को बड़ा झटका, सरकारी घोषित किए गए 2 तालाब  -कलेक्टर कोर्ट का निर्णय, दस्तावेज भी दुरुस्त 

डिजिटल डेस्क सतना। जिला मजिस्ट्रेट एवं कलेक्टर अजय कटेसरिया ने बगहा पटवारी हल्के के संसगरा और गेरुहा तालाब को शासकीय घोषित करने के आदेश दिए हैं। कलेक्टर कोर्ट के इस आदेश की तामीली करते हुए रघुराजनगर के तहसीलदार बीके मिश्रा ने राजस्व रिकार्ड दुरुस्त करते हुए मध्यप्रदेश शासन दर्ज कर लिया है। जानकारों ने बताया कि बगहा में 6.15 एकड़ पर स्थित संसगरा तालाब और गेरुहा तालाब की 9 अन्य आराजियों की 11.11 एकड़ भूमि शासकीय घोषित कर दी गई है। कलेक्टर ने अपने आदेश में उक्त भूमियों की खरीदी-बिक्री को अवैध मानते हुए स्पष्ट किया है कि अब इन तालाबों का न तो  भागौलिक स्वरुप बदला जा सकता है और न ही सौदेबाजी की जा सकती है। 
क्या है पूरा मामला :------
बगहा की आम जनता की ओर से रामाश्रय तिवारी पिता रामविशाल ने कलेक्टर के सक्षम इस आशय की शिकायत दर्ज कराई थी कि पटवारी हल्का बगहा की तालाब, मेड़, देव स्थान, चारागाह और श्मसान दर्ज आराजी नंबर 68 के 6.15 एकड़ रकबा और आराजी नंबर 853/ 960, 853/ 4,839/ 1,851/ 1, 853/ 1 , 853/ 2, 843 ,  843/ 2 और  852 में धर्मप्रकाश पिता सदाशिव (गढिय़ा बगहा), राजेश पिता गुरुप्रसाद अग्रवाल (हनुमान चौक),  आशा पुत्री जगमोहन लाल मिश्रा,  जगमोहन पिता बृजभूषण (निवासी अहरी टोला),  विजय एवं आशीष पिता लाल बहादुर सिंह, कुसुम पत्नी लाल बहादुर, किरण पुत्री कमला प्रसाद , ममता पुत्री कमला प्रसाद और अरुण कुमारी पुत्री कमला  (सभी निवासी खैरा) बगैर किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के दस्तावेजों में गड़बड़ी करके काबिज हैं और उक्त शासकीय आराजियों का मूल स्वरुप नष्ट करते हुए उनका विक्रय भी कर रहे हैं। आवेदन में उक्त भूमियों को मध्यप्रदेश शासन दर्ज किए जाने की भी मांग की गई थी। कलेक्टर ने शिकायती आवेदन पर स्वमोटो निगरानी (59/ स्वप्रेरण निगरानी/19-20) प्रकरण दर्ज करते हुए प्रकरण पर विचारण प्रारंभ किया। 
3 कानून और 2 दृष्टांत :------
कलेक्टर ने प्रकरण के विचारण पर विंध्य प्रदेश मालगुजारी एवं काश्तकारी अधिनियम 1955, रीवा लैंड रेवन्यू टेनेंसी एक्ट, एमपीएलआरसी  की विभिन्न धाराओं का अवलोकन करने के साथ सुप्रीम कोर्ट तथा हाईकोर्ट के न्याय दृष्टांतों 
को फैसले को आधार बनाते हुए पाया कि उक्त आराजियां पट्टे के रुप में नहीं दी जा सकती हैं। राजस्व रिकार्ड में वर्ष 2002 तक तालाब, मेड़, अगोर, और देवस्थान दर्ज इन आराजियों की किसी सक्षम अधिकारी द्वारा नवइयत भी नहीं बदली गई है। इसी साल 22 जुलाई को रघुराजनगर के एसडीएम ने जहां इन्हीं जमीनों पर वाजिबउल अर्ज दर्ज किए जाने का आदेश दिया था,वहीं 27 जुलाई को तहसीलदार ने भी अपने प्रतिवेदन में स्पष्ट किया था कि 1983 से 2002 तक इन जमीनों के खसरे में बतौर नवैयत महाराजा साहब बहादुर नाम दर्ज था। 
साजिशन विलोपित की गई नवइत :-----
कलेक्टर के आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि उक्त आराजियां वार्षिक लगान पर सिंघाड़ा उत्पादन के लिए दी गई थीं लेकिन साजिशन नवइत विलोपित की गई। लिहाजा एमपीएलआरसी की धारा- 182 उपयोग करते हुए कलेक्टर ने न केवल उक्त भूमियों को शासकीय घोषित कर दिया बल्कि खरीदी-बिक्री भी अवैध मानी गई। कलेक्टर ने इस आदेश की प्रति जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों को भी भेजी है ताकि जिले की सरकारी भूमियों को संरक्षित किया जा सके।  
128 दिन चला था आंदोलन :------ 
उल्लेखनीय है गेरुआ तालाब को भूमाफिया से बचाने के लिए यहां बगहा में वर्ष  2005 में समाजसेवी स्व.अरुण त्यागी के नेतृत्व में 128 दिनों तक आंदोलन किया गया था। इस आंदोलन में समाजसेवी धु्रव सिंह परिहार, डा.जेआर नारायण और शेषमणि शुक्ला ने भी अहम भूमिका निभाई थी।  मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित डा.राजेन्द्र ङ्क्षसह भी यहां आकर 2 दिन आंदोलन में शामिल हुए थे। इसी बीच तबके कलेक्टर मनीष रस्तोगी ने उक्त तालाब के नवइयत के परिवर्तन पर रोक लगा दी थी। आरोप है कि वर्ष 2018 में भूमाफिया एक बार फिर से सक्रिय हुआ। लिहाजा रामकुमार तिवारी, अभिषेक तिवारी अंशू और अन्य कोर्ट की शरण में चले गए थे।  
फैसले का स्वागत,अख्ंाड मानस शुरु :-------
 तालाब बचाओ आंदोलन में सक्रिय रुप से जुड़े रहे लोगों ने कलेक्टर के इस फैसले का स्वागत किया है। फैसला आते ही  गेरुआ तालाब की मेड़ पर स्थित 
चंडी देवी मंदिर में अखंड मानस का पाठ प्रारंभ कर दिया गया।  पाठ समापन के बाद 27 दिसंबर को दुर्गा सप्तसती का पाठ कराया जाएगा। इसके बाद हवन और फिर भंडारा भी आयोजित किया जाएगा। 
 

Created On :   26 Dec 2020 10:01 AM GMT

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