अनिल देशमुख के सुप्रीम कोर्ट जाने की संभावना पर कानून के जानकारों की है अलग-अलग राय

Law experts have different opinions on the possibility of Anil Deshmukh going to the Supreme Court
अनिल देशमुख के सुप्रीम कोर्ट जाने की संभावना पर कानून के जानकारों की है अलग-अलग राय
अनिल देशमुख के सुप्रीम कोर्ट जाने की संभावना पर कानून के जानकारों की है अलग-अलग राय

डिजिटल डेस्क, मुंबई। ‘सौ करोड़ वसूली’ के आरोपों के मद्देनजर सीबीआई जांच के घेरे में आए राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख अब बांबे हाईकोर्ट के आदेश को लेकर कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं में देशमुख पक्षकार नहीं हैं। ऐसे में हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद क्या वे सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैॽ इस पर कानून के जानकारों की मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आयी है। हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अभय थिप्से के मुताबिक किसी भी मामले में प्रभावित पक्ष सुप्रीम कोर्ट जा सकते है। इसके लिए निचली अदालत में पक्षकार होना जरुरी नहीं है। यह कानूनी स्थिति है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रभावित पक्ष सुप्रीम कोर्ट जा सकता है लेकिन इस पक्ष की बात को सुना जाए की नहीं। यह सुप्रीम कोर्ट के विशेषाधिकार पर निर्भर करता है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के अधिकारों का दायरा काफी बड़ा है। वहीं हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बीजी कोलसे पाटिल के अनुसार हाईकोर्ट ने इस मामले में श्री देशमुख के खिलाफ आदेश दिया है। इसलिए ऐसा आदेश देने से पहले उनके पक्ष को भी सुना जाना जरुरी था। इस मामले में नैसर्गिक न्याय के सिध्दांत का पालन किया जाना चाहिए था, जो नहीं हुआ है। लिहाजा देशमुख इस प्रकरण में प्रभावित पक्ष हैं। इसलिए वे सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं लेकिन उनकी अपील को सुनना है कि नहीं। यह सुप्रीम कोर्ट का अधिकार है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जा सकती है। 

गलत होगा सुप्रीम कोर्ट जानः अणे 

इसके विपरीत राज्य के पूर्व महाधिवक्ता श्रीहरि अणे के मुताबिक यदि  राज्य के  पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख सुप्रीम कोर्ट जाते है तो वह गलत होगा। क्योंकि कोर्ट ने उन्हें अभी दोषी नहीं ठहराया है सिर्फ जांच का निर्देश दिया है। चूंकी हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान श्री देशमुख किसी भी याचिका में प्रतिवादी अथवा पक्षकार नहीं थे। ऐसे में उनके पास सुप्रीम कोर्ट जाने का कोई अधिकार ही नहीं बचता है। यदि वे वहां जाते है तो सबसे पहले उनके अधिकार को लेकर सवाल उठा जाएंगे। ऐसे में उनका सुप्रीम कोर्ट जाना गलत साबित हो सकता है। जबकि पूर्व एडिशनल सालिसिटर जनरल राजेंद्र रघुवंशी का कहना है कि इस पूरे प्रकरण में प्रभावित पक्ष देशमुख है। इस आधार पर वे सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं। क्योंकि एक तरह से हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ आदेश जारी किया है। गौरतलब है कि सोमवार को इस्तीफा देने के बाद देशमुख मुंबई से दिल्ली रवाना हो गए। समझा जा रहा है कि देशमुख हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। इस बारे में कानूनी राय के लिए वे दिल्ली गए हैं। 

Created On :   5 April 2021 9:06 PM IST

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