- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- सोशल मीडिया अभद्र टिप्पणी करने वाला...
सोशल मीडिया अभद्र टिप्पणी करने वाला वकील पुणे से गिरफ्तार, रिश्वतखोर निकला एसीबी का अधिकारी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के एक वकील को पुणे से गिरफ्तार कर लाया गया है। मंगलवार को सदर पुलिस ने उसे अदालत में पेश कर पीसीआर में लिया गया। आरोप है कि वकील ने सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी कर एक समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। आरोपी वकील मुकुल उल्हास फड़के (35) प्रताप नगर क्षेत्र का निवासी है। घटित प्रकरण को लेकर सदर थाने के निरीक्षक महेश बंसोडे ने बताया कि 3 से 17 नवंबर 2019 के बीच में मुकुल ने साेशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी की थी। उस समय अयोध्या प्रकरण में अदालत का फैसला आया था। फैसले के पूर्व और बाद में जातीय तनाव उत्पन्न न हो इसलिए प्रशासन की ओर से सतर्कता बरती जा रही थी और देशवासियों को अगाह किया जा रहा था कि सोशल मीडिया पर ऐसी कोई भी टिप्पणी न करें, जिससे लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचे। इसके बाद भी मुकुल ने ऐसी पोस्ट सोशल मीडिया पर डाली। इससे एक समुदाय के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची। जिसके चलते 18 नवंबर 2019 को मुकुल के खिलाफ सदर थाने में प्रकरण दर्ज किया गया। इसके बाद मुकुल ने गिरफ्तारी टालने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया। मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने मुकुल की जमानत याचिका खारिज कर दी। जिससे पुलिस मुकुल को गिरफ्तार करने के लिए सक्रिय हो गई, लेकिन वह पुलिस के हाथ नहीं लग रहा था। इस बीच पुलिस ने साइबर सेल की मदद से उसके मोबाइल का लोकेशन खंगाली, तो वह पुणे में होने की जानकारी मिली। तत्काल बाद संबंधित थाने का दस्ता पुणे के लिए रवाना हुआ। उसे गिरफ्तार कर मंगलवार को नागपुर में लाया गया। इस बीच अदालत में पेश कर उसे 26 दिसंबर तक पीसीआर में लिया गया है, जांच जारी है।
एसीबी का अधिकारी ही निकला रिश्वतखोर
उधर भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग (एसीबी) का एक अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया। मंगलवार को सदर थाने में उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। भनक लगते ही आरोप फरार हो गया। उसके निवास स्थान पर भी विभाग ने छापा मारा, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। आरोपी पुलिस अधिकारी पंकज शिवराम उकंडे है। वह स्थानीय भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग में पुलिस इंस्पेक्टर है। 7 नवंबर 2019 सिटी सर्वे के सर्वेयर आश्रय मधुकर जोशी के खिलाफ शिकायत मिली थी। शिकायत में कहा गया था कि आश्रय करीब एक 1 लाख रुपए के रिश्वत की मांग कर रहा है। दूसरे दिन एसीबी ने सक्करदरा क्रिकेट मैदान के पास आश्रय को रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया था, लेकिन संदेह होने से आश्रय ने रिश्वत की रकम नहीं ली और वहां से भाग निकला। इसके बाद 14 नवंबर को सक्करदरा थाने में आश्रय के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उसे िगरफ्तार िकया गया। प्रकरण की जांच उकंडे कर रहे थे। जांच के दौरान उकंडे ने आश्रय के अधीनस्थ महिला कर्मचारी को धमकाया और प्रकरण में उसे भी सह आरोपी बनाने की धमकी दी। सह आरोपी नहीं बनने के लिए महिला कर्मचारी से दो लाख रुपए और आश्रय का पीसीअार नहीं बढ़ाने के लिए 50 हजार रुपए कुल ढाई लाख रुपए के रिश्वत की मांग की। इस बीच आश्रय के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होने का प्रस्ताव भी सिटी सर्वे में नहीं भेजा। इधर बार-बार रिश्वत के लिए उकंडे द्वारा परेशान करने से महिला ने एसीबी के आला पुलिस अधिकारियों से इसकी शिकायत की। प्रकरण की जांच के दौरान उकंडे को दोषी पाया गया, जिससे मंगलवार को उसके खिलाफ सदर थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है।
सीसीटीवी फुटेज में कैद हुआ है उकंडे
लगभग छह महीने पहले अकोला से तबादला होकर उकंडे एसीबी में आया है। सूत्रों के अनुसार कई मामलों में विवादित अधिकारी रहा है। काफी गंभीर आरोप उस पर लगे हैं। ताजा प्रकरण में एसीबी ने महिला के घर से सीसीटीवी फुटेज जब्त किए हैं, जिसमें उकंडे कैद हुआ है। काल डिटेल्स भी निकाली गई है।
Created On :   24 Dec 2019 9:49 PM IST