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लीड- ‘समर्पण’ में धुन की ताल पर थिरके कदम, दर्शक हुए मंत्रमुग्ध

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नृत्यांगनाओं के चेहरे पर तेज, आंखों में चमक और संगीत की धुन पर थिरकते कदम। यह नजारा देखने को मिला साइंटिफिक हॉल में। नूपुर कथक केंद्र द्वारा ‘समर्पण’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें नृत्यांगनाओं ने नृत्य की प्रस्तुति दी। हौसला अफजाई के लिए पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज रहा था। कार्यक्रम का शुभारंभ शंकर महादेवन के "गणनायकाय" गीत से किया गया। केन्द्र की ज्येष्ठ शिष्याओं द्वारा मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति के बाद "झपताल" पेश किया गया। बरखा ऋतु की आहट से "तन मन जग डोले" एकताल की बंदिश पर वर्षा ऋतु का सुंदर चित्र वर्णित किया गया। इसके उपरांत तीन ताल के तराने पर छोटी-छोटी नृत्यांगनाओं ने तालबद्ध किया। केन्द्र की संचालिका रूही मासोदकर ने ताल वसंत पर कथक नृत्य की प्रस्तुति से वाहवाही लूटी।
गौरवशाली घटनाओं का चित्रण
कार्यक्रम के दूसरे चरण में नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी गई, जिसमें राजा हरिशचंद्र, सम्राट अशोक, पन्नाधाय, संत मीरा आदि ऐतिहासिक पात्रों का परिचय नृत्य नाटिका से दिया गया। नृत्य नाटिका में नृत्यांगनाओं की प्रस्तुति में भारतीय इतिहास की गौरवशाली घटनाओं को देख दर्शक आश्चर्यचकित हो गए। कथक की विभिन्न मुद्राओं का प्रदर्शन करते हुए नृत्य की बारीकियों से अवगत कराया गया। कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में पुणे की प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय कथक एवं रंगमंच कलाकार आस्था कार्लेकर उपस्थित थीं। साथ ही दमक्षेसां केन्द्र के निदेशक डॉ. दीपक खिरवड़कर एवं संस्कार भारती के अखिल भारतीय कार्यकारी सदस्य चंद्रकांत घरोटे विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
Created On :   2 Aug 2019 8:06 PM IST