सुख के लिए पाप छोड़कर धर्म को धारण करें, चिंता को छोड़ें -सुवीरसागर

Leave sin for happiness and embrace religion, release worry
 सुख के लिए पाप छोड़कर धर्म को धारण करें, चिंता को छोड़ें -सुवीरसागर
 सुख के लिए पाप छोड़कर धर्म को धारण करें, चिंता को छोड़ें -सुवीरसागर

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  सुख चाहते हो, तो पाप को छोड़ो, धर्म को धारण करो। यह उद्गार प.पू. तपस्वी सम्राट आचार्य सन्मतीसागर के परम शिष्य प.पू. आचार्य सुवीरसागरजी ने अपने प्रवचन में श्री चंद्रप्रभ दिगंबर जैन मंदिर, महल में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आचार्य गुणभद्र स्वामी ने आदिपुराण, कषायपाहुड, आत्मानुशासन आदि  ग्रंथों की रचना की है। आत्मानुशासन में वैराग्य के बारे में बताया गया है। संसार के प्रति वैराग्य कैसा आगे बढ़े इस पर प्रकाश डाला गया है। यह जीव ऐसे बंधन में फंसा है कि किसी को मकान की चिंता हेै, किसी को दुकान की। और भी बहुत सारी चिंता से वह घिरा है। यह अज्ञानी जीव शरीर की प्राप्ति एवं मरण को आत्मा का जनम और मृत्यु मानता है।  

दीपप्रज्वलन एवं चरण प्रक्षाल:
चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष पवन जैन कान्हीवाडा, कार्याध्यक्ष सतीष जैन पेंढारी, महामंत्री पंकज बोहरा, उपमंत्री दिनेश जैन, शीतलप्रसाद जेैन, कैलासचंदजी जैन, संतोष जैन नेे किया।   मंगलाचरण सुधा चौधरी, अनित जैन, सरला जैन, प्रतिभा जैन कान्हीवाडा, कक्कु जैन ने गाया। जिनवाणी भेट महिला मंडल ने की। संचलन चातुर्मास कमेटीके महामंत्री पंकज बोहरा, उपमंत्री दिनेश जैन ने किया। प्रमुखतासे परवार मंदीर के ट्रस्टी सुमतजी लल्ला चातुर्मास कमेटी के मंत्री जयमामु, कोषाध्यक्ष चंद्रकुमार चौधरी, प्रचार मंत्री हिराचंद मिश्रीकोटकर, निर्मल मोदी, प्रदिप काटोलकर, डॉ रिचा जैन, सुनंदा मोदी, सरोज मिश्रीकोटकर, राजेश्वरी लल्ला उपस्थित थे ।   

समाज विकास के लिए शिक्षा जरूरी
महाराष्ट्र स्तरीय ध्रुवे गोंड समाज (गोंडवाना समाज) का परिचय सम्मेलन शीतला मंदिर के पास, श्यामनगर, पारडी में किया गया। सम्मेलन की शुरुआत भगवान बूढ़ा देव की आरती एवं माल्यार्पण से हुआ। गोंडवाना समाज िवकास सेवा संस्था की ओर से आयोजित कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि सोनू नेताम, जिप.अध्यक्ष, गांव घृनाली, हरिश्चंद उईके केंद्रीय प्रवक्ता-गांव केशोरी, धरमसिंह, सचिव-गांव नान्नी, रामसिंह कुंभरे उपस्थित थे। सम्मेलन में शहर के आसपास के समाजबंधु शामिल हुए। 

अतिथियों ने समाज के पिछड़ेपन पर चिंता जाहिर करते हुए समाज के सभी लोगों को एकजुट होकर विकास की ओर से  ले जाने का प्रयास करने एवं हर बच्चे को शिक्षित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि समाज के विकास के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। इसके बिना कोई भी तरक्की नहीं कर सकता। सफलतार्थ अध्यक्ष ओमप्रकाश पडोटी, उपाध्यक्ष संतोष उईके, सचिव धनेश छेदैया, उपसचिव अजय छेदैया, कोषाध्यक्ष दिलीप पडोटी, शंकर नेताम, छबिलाल नेताम, रामअवतार पडोटी, बंशी मंडावी, सरजू पडोटी, तोरण नेताम, संतोष नेताम ने प्रयास किया। संचालन राजेश मंडावी ने किया। सम्मेलन के समापन अवसर पर सभी ने स्वरुचि भोज का आनंद लिया। 
       

Created On :   26 Nov 2019 12:24 PM IST

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