विधानमंडल वाद-विवाद और चर्चा के मंच हैं, व्यवधान के नहीं - बिरला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राष्ट्रीय युवा संसद को युवाओं को लोकतांत्रिक और संसदीय प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी देने का एक अभिनव कार्यक्रम बताते हुए कहा कि इससे युवाओं को नए भारत के निर्माण में भागीदारी करने का प्रोत्साहन मिल रहा है। उन्होने युवाओं की बौद्धिक क्षमता और अपार ऊर्जा की सराहना की और कहा कि आज पूरे विश्व में भारत के नौजवानों की बढ़ती उपस्थिति से विश्व गुरू के रूप मंे भारत की स्थिति और अधिक मजबूत होगी। बिरला ने ये विचार शुक्रवार को संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में तीसरे राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव के समापन सत्र में व्यक्त किए। उन्होने युवाओं से दुनिया में तेजी से हो रहे बदलावों के अनुसार स्वयं को ढालने का आग्रह किया ताकि बदलती परिस्थितियों के मुताबिक वे खुद को तैयार कर सकें और देश को भी आगे ले जा सकें। उन्होने इस बात पर जोर दिया कि युवाओं के हर प्रयास में ‘नेशन फर्स्ट’ की भावना होनी चाहिए। विधानमंडलों में गरिमा और मर्यादा में कमी आने पर चिंता जताते हुए लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानमंडल बहस और चर्चा का मंच है, न कि व्यवधान का। उन्होने कहा कि विधेयकों को व्यापक चर्चा होनी चाहिए ताकि समाज के सभी वर्गों की आशाओं और आकांक्षाओं को कानूनों और विधानों में प्रभावी ढंग से शामिल किया जा सके। बिरला ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति और राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान व्यवधान संसदीय परंपरा के अनुकूल नहीं है। इस अवसर पर उन्होने राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए।
Created On :   11 March 2022 9:49 PM IST