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शहर में स्कूल ना जाने वाली 100 लड़कियां भी नहीं :सर्वे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। 30 लाख की आबादी वाले नागपुर शहर में मात्र 11 से 14 वर्ष की करीब 100 लड़कियां ही स्कूल से बाहर हैं। महिला साक्षरता की इस तरह की रिपोर्ट बाल विकास प्रकल्प अधिकारियों (सीडीपीआे) द्वारा सर्वे कर सरकार को भेजी गई है। जिसने भी इस रिपोर्ट के बारे में सुना आश्चर्य हुआ। दरअसल, स्कूल शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 48 हजार 379 बच्चे स्कूल से बाहर हैं। केवल नागपुर में करीब दो हजार से ज्यादा हैं। ऐसे में दो सरकारी रिपोर्ट ही एक-दूसरे के विपरीत जा रही हैं।
लड़कियों को मिलने वाला पैकेटबंद आहार विवादों में
महिला व बाल विकास मंत्रालय ने फरवरी 2018 में दिशानिर्देश जारी कर किशोरवयीन लड़कियों के लिए चलाई जाने वाली "सबला योजना" में परिवर्तन करने को कहा था। पहले 11 से 18 आयु वर्ग की सभी लड़कियों को महीने में दो बार पैकेटबंद पौष्टिक आहार (टीएचआर) दिया जाता था। नए आदेश के मुताबिक स्कूल नहीं जाने वाली 11 से 14 आयु वर्ग की लड़कियों को ही पैकेटबंद आहार दिया जाएगा। इसके लिए सीडीपीआे को सर्वे कर रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिए गए थे। शहर में ग्रेट नाग रोड, मानवनगर, हनुमाननगर, रेशमबाग, गांधीनगर व कामठी-वाड़ी प्रकल्प है। सीडीपीआे ने आंगनवाड़ी सेविकाआें के माध्यम से शहर का सर्वे किया। छह प्रकल्प में 11 से 14 आयु वर्ग की स्कूल नहीं जाने वाली 100 लड़कियां भी नहीं मिल पाईं। ग्रेट नाग रोड (मध्य नागपुर) प्रकल्प में स्कूल नहीं जाने वाली 3 लड़कियां मिली। इसी तरह मानवनगर (उत्तर नागपुर) प्रकल्प में स्कूल नहीं जानेवाली 17 लड़कियां मिलीं। सीडीपीआे की तरफ से यह रिपोर्ट एकात्मिक बाल विकास योजना मुंबई भेजी गई। यहां से यह रिपोर्ट सरकार तक पहुंची।
क्या कहते हैं सर्वे से जुड़े लोग
सर्वे से जुड़े लोगों का कहना है कि 11 से 14 आयु वर्ग की लड़कियां 5वीं से 8वीं कक्षा में होती हैं। सरकार लड़कियों को 12वीं तक मुफ्त शिक्षा दे रही है। 5वीं से 8वीं तक के विद्यार्थियों को मुफ्त शिक्षा के साथ ही छात्रवृत्ति भी मिलती है। कापी-किताबें व गणवेश भी स्कूल की तरफ से दिया जाता है। स्कूल में ही गरम आहार दिया जाता है। इसलिए इस आयु की लगभग सभी लड़कियां स्कूल जा रही हैं।
तो "सबला योजना" हो सकती है बंद
राज्य सरकार के महिला व बाल विकास विभाग की आेर से "सबला योजना" चलाई जाती है। 11 से 14 आयु वर्ग की जो लड़कियां स्कूल नहीं जाएंगी, उन्हें महीने में दो बार पैकेटबंद आहार देने की योजना है। चूंकि शहर में ऐसी मुश्किल से 100 लड़कियां होने की बात सर्वे में सामने आई है। इतनी नगण्य संख्या को देखते हुए शहर में यह योजना बंद हो सकती है। सरकार के निर्देश पर फिलहाल आहार वितरण का काम रोका गया है। सरकार से आदेश मिलने के बाद ही आहार वितरण पुन: शुरू हो सकेगा।
मध्य में 3 लड़कियां नहीं जा रहीं स्कूल
ग्रेट नाग रोड (मध्य नागपुर) प्रकल्प में सर्वे किया आैर 11 से 14 आयु वर्ग की 3 ऐसी लड़कियां मिलीं जो स्कूल नहीं जा रही है। हमारी निगरानी में आंगनवाड़ी सेविकाआें के माध्यम से यह सर्वे किया गया। रिपोर्ट एकात्मिक बाल विकास योजना मुंबई भेजी गई है।
-एस ठाकरे, सीडीपीआे ग्रेट नाग रोड प्रकल्प
उत्तर में सिर्फ 17 लड़कियां नहीं पढ़ रहीं
मानवनगर (उत्तर नागपुर) प्रकल्प में सर्वे किया आैर 11 से 14 आयु वर्ग की स्कूल नहीं जाने वाली 17 लड़कियां मिलीं। आंगनवाड़ी सेविकाआें के माध्यम से यह सर्वे किया गया था। हाल ही में यह रिपोर्ट एकात्मिक बाल विकास योजना मुंबई भेजी गई है।
-रमेश टेटे, सीडीपीआे मानवनगर प्रकल्प.
बाहर की लड़कियां भी ले रहीं शिक्षा
सर्वे में यह बात सामने आई कि 6 से 14 साल आयु वर्ग की सभी लड़कियां स्कूल जा रही हैं। यह भी बात सामने आई कि नागपुर शहर में जितनी लड़कियां हैं, उससे ज्यादा लड़कियां स्कूल पहुंच रही हैं। इसकी वजह यह है कि बाहर की लड़कियां भी यहां शिक्षा ले रही हैं। शहर में निजी, अनुदानप्राप्त व सरकारी ऐसी 1410 स्कूल हैं।
-डी. चौलीवार, सर्व शिक्षा अभियान मनपा
Created On :   14 March 2018 12:54 PM IST