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जलाशयों में पानी कम, रबी का ‘रिस्क’ लेने तैयार नहीं किसान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मानसून के समय कम हुई बारिश से रबी की फसल पर खतरा दिखाई देने लगा है। जलाशयों में जलसंकट को देखते हुए इस बार सरकार ने रबी फसल को पानी देने से मना कर दिया है। अब किसान भी रबी फसल से हाथ खिंचने लगे हैं। बैंकों में कर्ज लेने वाले किसानों की भी संख्या तेजी से घटी है। रबी फसल में राष्ट्रीयकृत बैंक सहित नागपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक (एनडीसीसी) को 306 करोड़ रुपए का कर्ज बांटने का लक्ष्य दिया गया था, किन्तु नवंबर शुरू होने के बाद भी इस प्रक्रिया में बहुत अधिक सुधार नहीं दिख रहा है। बैंकों ने 14030 किसानों को सिर्फ 16 करोड़ रुपए का कर्ज बांटा है। लक्ष्य 302 करोड़ था और बांटा सिर्फ 16 करोड़। ऐसे में बैंकों पर भी ‘टारगेट’ पूरा करने का दबाव बढ़ रहा है। फिलहाल स्थिति को देखते हुए इस बार रबी उत्पादन में भी कमी आने का अंदेशा जताया जा रहा है।
रबी फसल को पानी देने से इनकार
पेंच प्रकल्प में इस बार मात्र 31 प्रतिशत पानी शेष है आैर सिंचाई विभाग ने पहले ही रबी फसल को पानी देने से इनकार कर दिया है। सिंचाई सुविधा उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में अब किसान भी कोई रिस्क उठाने की तैयारी में नहीं दिख रहे हैं। आमतौर पर टारगेट के 70 से 75 प्रतिशत कर्ज हर साल वितरित होता है, किन्तु इस बार मात्र 14 हजार किसानों ने कर्ज लिया है।
खरीफ में भी 245 करोड़ कम बंटा
रबी ही नहीं, खरीफ फसल में भी इस बार कर्ज अपेक्षा से कम बांटा गया है। जिला प्रशासन ने सभी बैंकों को खरीफ फसल में 830.99 करोड़ रुपए का कर्ज बांटने का लक्ष्य दे रखा था। किन्तु खरीफ में 55 हजार 997 को 585 करोड़ रुपए का कर्ज ही बांटा गया है। 245 करोड़ रुपए कम बांटे गए है अर्थात 70 प्रतिशत ही लक्ष्य पूरा किया गया।
नहीं मिल रहा नया कर्ज
कर्ज कम बंटने का दूसरा बड़ा कारण यह भी है कि हजारों किसानों ने पुराना कर्ज अभी तक नहीं चुकाया है। इस कारण उन्हें नया कर्ज नहीं मिल रहा है। राज्य सरकार ने कर्जमाफी की घोषणा की है, लेकिन किसानों तक यह लाभ अब तक नहीं पहुंचा है।
Created On :   12 Nov 2017 5:36 PM IST