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नागपुर में कांग्रेस पार्टी के बीच चल रहा 'लेटर वॉर'

डिजिटल डेस्क,नागपुर। शहर कांग्रेस में अब लेटर ‘वार’ शुरू हो गया है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष विकास ठाकरे द्वारा की गई पूर्व मंत्री सतीश चतुर्वेदी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश के बाद अब चतुर्वेदी समर्थक खेमा भी सक्रिय हो गया है। पूर्व सांसद गेव आवारी ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को शिकायत-पत्र भेजकर पूर्व सांसद विलास मुत्तेमवार, शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे की शिकायत की है। दोनों पर भाजपा की बी-टीम के रूप में काम करने का आरोप लगाते हुए शहर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने का दावा किया है। पत्र में मुत्तेमवार, ठाकरे पर पार्टी विरोधी कार्यवाही का आरोप लगाते हुए दोनों पर तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है।
कई गंभीर आरोप लगाए
पिछले सप्ताह शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे ने पूर्व मंत्री चतुर्वेदी को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी किया था। 7 दिन में इसका जवाब मांगा था। 7 दिन में जवाब नहीं देने पर मंगलवार को श्री ठाकरे ने पूर्व मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने की रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण को भेजी है। इस सिफारिशी रिपोर्ट से चतुर्वेदी खेमे में हलचल मची है। खेमे की ओर से पूर्व सांसद गेव आवारी ने मोर्चा संभाला। बुधवार को श्री आवारी ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र भेजा। पत्र में विलास मुत्तेमवार, विकास ठाकरे पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि विलास मुत्तेमवार के नागपुर सांसद बनने के बाद से कांग्रेस लगातार कमजोर हुई है। अनेक बार निर्वाचित होने के बावजूद वे पार्टी से निष्ठावान नहीं रहे। पार्टी विरोधी कार्यवाही की, जिस कारण 2014 के चुनाव में 2 लाख 83 हजार मतों से पराजय झेलनी पड़ी। मुत्तेमवार और शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे ने पार्टी के विरुद्ध षड़यंत्र रचकर निष्ठावान कार्यकर्ताओं को हटाकर अपने समर्थकों को पार्टी में शामिल किया। फलत: 2007, 2012 और 2017 के मनपा चुनाव में पार्टी को करारी हार झेलनी पड़ी। चुनाव में पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार होने के बावजूद 2-2 ए-बी फार्म बांटे गए। योग्य उम्मीदवारों और कार्यरत नगरसेवकों को पार्टी की टिकट नकारी। पार्टी के लिए अनुकूल परिस्थिति होने के बावजूद करारी हार झेलनी पड़ी।
नहीं हुई कोई कार्रवाई
पत्र में मनपा गट विवाद का भी जिक्र किया गया है। कहा गया है कि विकास ठाकरे ने पार्टी नगरसेवकों की इच्छा के विरुद्ध अपने समर्थक को गट नेता नियुक्त किया। जब अधिकांश नगरसेवकों ने नियमानुसार उन्हें हटाकर नया नेता नियुक्त किया तो इसके विरोध में वे कोर्ट चले गए। इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली। हाल में पार्टी के संगठनात्मक चुनाव के सदस्यों का पंजीयन किया गया। इसमें मुत्तेमवार, ठाकरे गुट ने 23 हजार सदस्य पंजीकृत किए, जबकि 65 हजार सदस्यों का पंजीयन विरोधी गुट ने किया। इसे देखते हुए दोनों ने मिलकर संगठन चुनाव को स्थगित करा दिया। कांग्रेस इलेक्शन अथॉरिटी के पास भी इसकी शिकायत की गई, लेकिन दोनों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
ठाकरे को शीघ्र अध्यक्ष पद से मुक्त करें
श्री ठाकरे शहर अध्यक्ष के अधिकार नहीं होने के बावजूद वरिष्ठ नेताओं को बदले की भावना से नोटिस जारी कर पार्टी में फूट डालने का प्रयास कर रहे है। विकास ठाकरे को शीघ्र अध्यक्ष पद से मुक्त किया जाए। किसी भी निष्पक्ष वरिष्ठ नेता को संगठन चुनाव तक जिम्मेदारी सौंपी जाए। दोनों नेताओं की पार्टी विरोधी भूमिका के कारण विरोधी पार्टी मजबूत हो रही है।
Created On :   8 Feb 2018 2:31 PM IST