नाबालिग का अपहरण कर बेचने और दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास

Life imprisonment for the accused of kidnapping and selling a minor and raping
नाबालिग का अपहरण कर बेचने और दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास
जिला न्यायालय के विशेष न्यायाधीश ने सुनाया फैसला नाबालिग का अपहरण कर बेचने और दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। नाबालिग का अपहरण कर उसे बेचने और दुराचार जैसे जघन्य अपराध के आरोपियों को जिला न्यायालय के विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) श्रीमती संध्या मनोज श्रीवास्तव ने दोषी करार दिया है। इनमें से मुख्य आरोपी को आजीवन कारावास और अन्य आरोपियों को दस-दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले की दो आरोपी महिलाओं को न्यायालय द्वारा पहले ही सजा दी जा चुकी है।
विशेष लोक अभियोजक दिनेश उईके ने बताया कि 16 वर्षीय नाबालिग अपनी 14 वर्षीय सहेली के साथ अंजुम के घर घरेलू काम करने जाती थी। अंजुम ने दोनों बालिकाओं को झांसा देकर शांतिबाई, कैलाश, रजनी और खैरूनिशा के साथ मिलकर शुजालपुर ले गई। यहां उन्होंने 16 वर्षीय नाबालिग को एक लाख रुपए लेकर राजगढ़ के खुजनेर चांदनीगांव निवासी विजय पिता कालू ङ्क्षसह यादव को बेच दिया था और उसकी 14 वर्षीय सहेली को वापस छिंदवाड़ा लाकर छोड़ दिया था। विजय ने नाबालिग के साथ दुराचार की वारदात को अंजाम दिया। खैरूनिशा और अंजुम ने 14 मार्च 2014 को विजय के घर से नाबालिग को लाकर छिंदवाड़ा छोड़ दिया था। पीडि़ता की मां की शिकायत पर कोतवाली थाने में अपराध दर्ज हुआ था। इस मामले में न्यायाधीश ने विजय यादव को आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं आरोपी राजगढ़ निवासी कैलाश पिता नारायण यादव, रजनी पति कैलाश यादव, सौंसर निवासी खैरूनिशा पिंजारा को दस-दस साल के कठोर कारावास व अर्थदंड से दंडित किया है। इस मामले में अंजुम और शांतिबाई को पहले ही सजा दी जा चुकी है।

Created On :   3 Dec 2021 11:10 PM IST

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