नक्सल समर्थन के आरोपियों की उम्रकैद रद्द, सत्र न्यायालय का फैसला खारिज

Life imprisonment of the accused of supporting Naxal canceled, the decision of the Sessions Court dismissed
नक्सल समर्थन के आरोपियों की उम्रकैद रद्द, सत्र न्यायालय का फैसला खारिज
नागपुर खंडपीठ नक्सल समर्थन के आरोपियों की उम्रकैद रद्द, सत्र न्यायालय का फैसला खारिज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने नक्सल समर्थन के दो आरोपियों की उम्रकैद की सजा खारिज कर दी है। आरोपियों के नाम बर्डू ऊर्फ दिनेश सिराम (29) नि.राजनांदगांव और दिनेश मडावी (26) नि.एरुगट्टा,गड़चिरोली है। 17 मई 2018 को गोंदिया सत्र न्यायालय ने उक्त आरोपियों को भादवि 143, 148, 120बी, 302, 307 व अन्य के तहत दोषी करार देकर उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

पुलिस पर फायरिंग की

पुलिस में दर्ज मामले के अनुसार घटना 1 दिसंबर 2011 की है। पुलिस को सूचना मिली कि मिसपिरी धम्डितोला में नक्सलियों ने पोस्टर-बैनर लगाए हैं। इसके बाद 5 पुलिस हवलदारों का एक दल मौके पर भेजा गया। यह दल जैसे ही मौके पर पहुंचा, इन्हें करीब 50-60 नक्सलियों के दल ने घेर लिया। नक्सली जैसे ही इनकी ओर दौड़े, पुलिस हवलदार जान बचाने के लिए भागे। नक्सलियों ने इन पर फायरिंग की, जिससे एक हवलदार की मृत्यु हो गई और शेष गंभीर रूप से घायल हो गए।

किया गया दोषमुक्त

घटना की जांच के बाद याचिकाकर्ताओं को आरोपी बना कर उनके खिलाफ चार्जशीट प्रस्तुत की गई। निचली अदालत ने आरोपियों को उम्रकैद की सजा दी। आरोपियों ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की। दलील दी कि वे निर्दोष हैं, उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है। सरकारी पक्ष की दलील थी कि चश्मदीदों ने आरोपियों की पहचान की है। ऐसे में निचली अदालत का फैसला सही है, लेकिन मामले में स्पष्ट हुआ कि प्रकरण में 55 दिनों की देरी से पहचान परेड हुई। मामले में आरोपियों के खिलाफ ऐसे ठोस सबूत प्रस्तुत नहीं किए गए, जिस आधार पर उन्हें दोषी ठहराया जा सके। हाईकोर्ट ने निचली अदालत का फैसला खारिज करते हुए उन्हें दोषमुक्त किया है।

Created On :   1 Nov 2021 10:02 PM IST

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