जघन्य हत्याकांड के आरोपी भाइयों को आजीवन कारावास

Life imprisonment to brothers accused of heinous murder
जघन्य हत्याकांड के आरोपी भाइयों को आजीवन कारावास
कांगे्रस सेवादल के परासिया ब्लॉक अध्यक्ष की हत्या का मामला जघन्य हत्याकांड के आरोपी भाइयों को आजीवन कारावास


डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। परासिया रेलवे पुलिया के समीप दो सगे भाइयों ने एक युवक पर धारदार हथियार से हमला कर दिया था। हमले में घायल युवक की मौके पर मौत हो गई थी। मामले की सुनवाई कर रही न्यायाधीश श्रीमती कुुमुदनी पटेल ने आरोपी भाइयों को दोषी करार दिया है। हत्याकांड के आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इस हत्याकांड को जघन्य सनसनीखेज श्रेणी में रखा गया था।
जिला अभियोजन अधिकारी समीर पाठक ने बताया कि 21 वर्षीय सौरभ ठाकुर और उसके भाई 19 वर्षीय गौरव ठाकुर ने पुरानी रंजिश के चलते 29 जनवरी 2019 की रात कांगे्रस सेवादल के परासिया ब्लॉक अध्यक्ष राजेन्द्र पिता रामकिशन यदुवंशी पर जानलेवा हमला किया था। हमले में राजेन्द्र की मौत हो गई थी। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था। इस मामले में सुनवाई कर न्यायाधीश श्रीमती कुमुदनी पटेल ने आरोपी भाइयों को दोषी करार दिया है। वहीं आरोपियों को आजीवन कारावास व 25-25 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है। मामले की विवेचना परासिया टीआई मनोज गुप्ता द्वारा की गई थी।
न्यायालय ने की टिप्पणी... कहा सब तरफ एक वैचारिक प्रदूषण व्याप्त है जिसे दूर करने की जरुरत...
- न्यायाधीश श्रीमती कुमुदनी पटेल ने अपने निर्णय में युवा वर्ग, शैक्षणिक संस्था, शिक्षाविदों की समाज में भूमिका पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि आज समाज में जिस गति से ङ्क्षहसा व अपराधों के उदाहरण सामने आ रहे है वे चेतनावान व्यक्तियों को बाध्य करते है, उनके कारणों व निवारण के उपायों पर चिंतन करें और उन्हें क्रियांवित करने प्रयास आरंभ करें। विविध संचार माध्यमों से समाचार या मनोरंजन के नाम पर जो सामग्रियां जाने अनजाने में परोसी जा रही है उसने बाल और युवा मस्तिष्क पर घृणा, क्रोध, प्रतिशोध जैसी विकृतियों के बीज बोए है। एक वैचारिक प्रदूषण सभी ओर व्याप्त है। क्या इन सशक्त माध्यमों के उपयोग से सकारात्मकता पैदा की जा सकती है। अब यह सोचे जाने का समय है। हमारी शिक्षा में आज सूचनाओं की भरमार है लेकिन संवेदनाओं के लिए कोई जगह नहीं है। क्या संवेदनाओं के लिए थोड़ी सी जगह नहीं बनाई जा सकती है। जब मस्तिष्क में सकारात्मक विचार होंगे तब युवा पीढ़ी के समक्ष एक स्वस्थ एवं सुखद जीवन का लक्ष्य होगा।

Created On :   22 Sept 2022 11:01 PM IST

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