थाने के सामने खिड़की से बिक रही थी शराब - एसपी को दी गलत जानकारी, सीएसपी पहुँचे तो खुली थी दुकान 

Liquor was being sold from the window in front of the police station - wrong information given to SP
थाने के सामने खिड़की से बिक रही थी शराब - एसपी को दी गलत जानकारी, सीएसपी पहुँचे तो खुली थी दुकान 
थाने के सामने खिड़की से बिक रही थी शराब - एसपी को दी गलत जानकारी, सीएसपी पहुँचे तो खुली थी दुकान 

डिजिटल डेस्क जबलपुर । लॉकडाउन के दौरान माढ़ोताल थाने के सामने अंग्रेजी शराब की दुकान खुली होने व शराब की बिक्री होने का एक वीडियो मंगलवार की शाम को सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इसकी जानकारी लगने पर एसपी द्वारा थाने को फटकार लगाते हुए कार्रवाई करने निर्देशित किया गया, लेकिन थाने की टीम ने एसपी को गुमराह करते हुए झूठ बोल दिया कि दुकान बंद है। जानकारों के अनुसार एसपी के निर्देश के बाद भी दुकान से शराब बिक रही थी। इस बात की जानकारी लगने पर सीएसपी को भेजा गया तो दुकान बाहर से बंद थी और अंदर कर्मचारी मौजूद थे, जो कि खिड़की से शराब बेच रहे थे। सीएसपी तुषार सिंह ने बताया कि माढ़ोताल थाने के सामने अंग्रेजी शराब दुकान के पीछे की ओर खिड़की से शराब बेची जाने की सूचना मिलने पर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा के निर्देश पर देर रात जाँच की गयी, तो दुकान के अंदर लाइट जल रही थी। दुकान के बाहर अंकित तिवारी उम्र 25 वर्ष निवासी गढ़ा बैठा हुआ मिला। वहीं बामुश्किल दुकान की शटर खुलने पर अंदर चमन यादव व सारनाथ गुप्ता निवासी यूपी दुकान के अंदर से निकले। मामले में तीनों के खिलाफ धारा 188, 269, 270 एवं 51 आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। 
ठेकेदार पर नहीं हुई कार्रवाई 
 उधर इस कार्रवाई को लेकर इस बात की चर्चा है कि लॉकडाउन के दौरान थाने के सामने शराब बिक रही थी। यह पुलिस की मिली भगत के बिना संभव नहीं है। वहीं जब आबकारी विभाग द्वारा दुकान को सील किया गया था तो फिर दुकान कर्मी अंदर कैसे पहुँचे और इस मामले में ठेकेदार पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। इस मामले में माढ़ोताल टीआई द्वारा दुकान का निरीक्षण करते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हुआ था, उसके बावजूद जब छापा मारा गया तो शराब दुकान के अंदर कर्मचारी मौजूद पाए गए, जिसे लेकर विभाग में तरह-तरह की चर्चाएँ हैं।
आबकारी विभाग को लिखा पत्र
 सीएसपी तुषार सिंह ने बताया कि आबकारी विभाग को दो दिनों से पत्र लिखकर स्टॉक चैक करने कहा गया है, लेकिन विभाग द्वारा न तो पत्र का जवाब दिया गया है, न ही कोई कार्रवाई की गई है। 

Created On :   6 May 2021 9:15 AM GMT

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