पशुधन पर्यवेक्षक को हाईकोर्ट से मिली राहत

Livestock supervisor got relief from High Court
पशुधन पर्यवेक्षक को हाईकोर्ट से मिली राहत
नागपुर खंडपीठ पशुधन पर्यवेक्षक को हाईकोर्ट से मिली राहत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने खेल कोटे में पशुधन पर्यवेक्षक की नियुक्ति को रद्द करने के मामले को खारिज कर दिया है। खेल मंत्रालय तथा खेल संचालक, पुणे को याचिकाकर्ता की नियुक्ति संबंधी मामले में दो माह में अंतिम निर्णय लेने का निर्देश भी दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे और न्यायमूर्ति अनिल पानसरे की खंडपीठ ने दिया है। सन 2006 में वर्धा जिला चयन समिति ने 15 पशुधन पर्यवेक्षक की नियुक्ति प्रक्रिया आरंभ की थी। इनमें से एक पद खेल कोटे के लिए आरक्षित था। याचिकाकर्ता हर्षद महादेवराव बुरबुरे थ्रोबाल राज्य चैम्पियनशिप में सांघीक श्रेणी में स्वर्ण पदक विजेता होने के साथ ही पद के अनुरूप योग्यता प्राप्त थे। जून 2006 में लिखित परीक्षा में चयन होने पर काल लेटर भी दिया गया। हर्षद ने लिखित परीक्षा और मौखिक परीक्षा उत्तीर्ण हुए और 11 जुलाई 2006 को जिला चयन समिति ने चयनित भी कर दिया। हर्षद ने सभी प्रमाणपत्र वर्धा जिला पशुधन अधिकारी के माध्यम से पुणे के खेल संचालनालय को भेजे, लेकिन तय समयसीमा में नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया। करीब 5 माह बाद 18 दिसंबर 2006 को चयन समिति के सचिव के रूप में जिला पशुधन विकास अधिकारी ने पत्र दिया। पत्र में राज्य सरकार के 30 अप्रैल 2005 की खेल शर्त पूरी नहीं होने की जानकारी देते हुए नियुक्ति को खारिज कर दिया गया था। याचिकाकर्ता की ओर से अधि अरविंद वाघमारे ने पक्ष रखा। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सरकारी अधि. संगीता जाचक और वर्धा जिला परिषद की ओर से अधि. जयंत मोकदम ने पैरवी की। 

इस आदेश को बाम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में चुनौती दी गई। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने नियुक्ति आदेश को रद्द करने को 30 अप्रैल 2005 के शासन निर्णय के विरुद्ध माना और जिला चयन समिति के नियुक्ति रद्द करने के आदेश को खारिज कर दिया।

Created On :   8 Jan 2022 5:56 PM IST

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