नालों के गंदे पानी से कर रहे गुजारा -चौरापठार में बूंद-बूंद पानी को तरसे लोग

Living with dirty water of sewers, people craveing for drop of water
नालों के गंदे पानी से कर रहे गुजारा -चौरापठार में बूंद-बूंद पानी को तरसे लोग
नालों के गंदे पानी से कर रहे गुजारा -चौरापठार में बूंद-बूंद पानी को तरसे लोग

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। तामिया विकासखंड के चौरापठार गांव के ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। मई में भीषण गर्मी के बीच पानी की कमी के चलते गांव में सूखे की विकट स्थिति निर्मित हो गई। पीएचई के अफसरों ने पिछले दिनों बनाई प्रशासनिक रिपोर्ट में तामिया का ये गांव सबसे ज्यादा प्रभावित बताया गया था लेकिन इसके बाद भी अफसर अब तक प्रस्ताव भी तैयार कर पाए हैं। यहां अब तक पानी की व्यवस्था नहीं की गई। 

मई में गर्मी के चलते जिले के 200 से ज्यादा गांवों की हालात खराब हो गई हैं। लेकिन अफसर आज भी कागजी खानापूर्ति में उलझे हुए है। ताजा मामला तो तामिया विकासखंड के ग्राम चौरापठार का है। इस गांव में हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि लोगों को पानी के लिए पांच-पांच किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है। पीएचई ने जो सर्वे रिपोर्ट पिछले दिनों इस गांव की तैयार की थी। उसमें सबसे ज्यादा प्रभावित गांव इसके बताया था लेकिन इसके बाद भी व्यवस्था बनाने में पीएचई के अफसर यहां फेल साबित हुए है।

कार्ययोजना में तीन दिन में सप्लाई
अधिकारियों ने इस गांव को लेकर मई में कार्ययोजना तैयार की है। जिसमें टैंकरों के माध्यम से तीन दिन में एक बार पानी सप्लाई की बात कही जा रही है। फरवरी से जल आभावग्रस्त क्षेत्रों में सर्वे की बात कही जा रही थी लेकिन अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। जिसके चलते मई में भी अफसर जलसंकट से जूझ रहे गांवों में जल सप्लाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं कर पाए हैं।

दो हेंडपंप दोनों सूखे
बताया जा रहा है कि गांव के आसपास जलसंग्रहण के कोई ठोस इंतजाम नहीं है। पिछले दिनों यहां दो हेंडपंप लगाए गए थे लेकिन गर्मी की दस्तके के साथ ही इन हेंडपंपों ने भी जबाव दे दिया। अब हालत इतनी खराब है कि पीने के पानी को ग्रामीण मोहताज हो गए हैं।

नदी-नालों के गंदे पानी के चलते किया गुजारा 
चौरापठार गांव के आसपास जिन नदी नालों में थोड़ा बहुत पानी बचा था उसके भरोसे अब तक ग्रामीणों ने गुजारा किया, लेकिन मई की भीषण गर्मी में इन नालों में भी पानी खत्म हो गया है। अब हालात इतने खराब है कि ग्रामीण कई किलोमीटर कोस का सफर तय करके पीने को पानी का जुगाड़ कर रहे हैं।

Created On :   2 May 2018 1:21 PM IST

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