लॉकडाउन की मार : आसमान छूने लगी है कंस्ट्रक्शन से जुड़ी चीजों की कीमत, लोहा-सीमेंट बढ़ा रहा टेंशन

Lockdown hit: price of construction related things has touching the sky, iron-cement rate increasing
लॉकडाउन की मार : आसमान छूने लगी है कंस्ट्रक्शन से जुड़ी चीजों की कीमत, लोहा-सीमेंट बढ़ा रहा टेंशन
लॉकडाउन की मार : आसमान छूने लगी है कंस्ट्रक्शन से जुड़ी चीजों की कीमत, लोहा-सीमेंट बढ़ा रहा टेंशन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पेट्रोल-डीजल, सोने और अनाज की तरह गृह निर्माण सामग्री के दाम भी आसमान छू रहे हैं। इन सामग्रियों में खासतौर पर लोहा और सीमेंट ने तो गृहनिर्माण का बजट ही बिगाड़ दिया है। महंगाई के इस दौर में लोगों को अपने सपनों का आशियाना बनाना काफी महंगा पड़ रहा है। कोरोना काल में सीमेंट और लोहे की बढ़ती कीमतों ने परेशान कर रखा है। मार्च माह में 10 और 12 एमएम का सरिया 52 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा था, जो अब 56.50 रुपए पर पहुंच गया है। वहीं 6 एमएम का सरिया 53 से बढ़कर 58 रुपए प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गया है। अभी रेत लोगों को राहत देते नजर आ रही है। मार्च माह में रेत के भाव 22,000 से 23,000 रुपए चल रहे थे, जो अब 19,000 रुपए प्रति 400 फीट पर आ गए हैं। बिल्डिंग एंड मटेरियल सप्लायर संतोष बनपेला के अनुसार लोहा अभी सोने की तरह कम ज्यादा हो रहा है। 3 माह पहले लोहा 52,000 से 53,000 रुपए प्रति टन चल रहा था, जो कि अभी सीधे 5,000 रुपए  बढ़कर 58,000 रुपए प्रति टन पर पहुंच गया है।

लोहे के बेसिक मटेरियल के महंगा होने से इसकी कीमतें बढ़ती जा रही हैं। इसके चलते गृह निर्माण की लागत काफी अधिक बढ़ गई है। लॉकडाउन के चलते सीमेंट के भाव भी कम ज्यादा हो रहे हैं। मार्च  माह में सीमेंट के भाव 330 रुपए पर पहुंचे थे, जो अभी बढ़कर 350 से 370 रुपए प्रति बैग पहुंच गए हैं। इस लॉकडाउन में मजदूरों को काम की छूट होने के कारण अभी लोहे और सीमेंट की डिमांड हो रही है। ग्राहकों के ऑर्डर पर व्यापारी माल भेज रहे हैं। गृह निर्माण का कार्य तेजी से हो रहा है। 

ठेकेदारों के अनुसार सीमेंट और लोहा महंगा होने से गृह िनर्माण की लागत करीब 20 से 25 प्रतिशत बढ़ गई है। लोहे में डिमांड और सप्लाई में गैप आने के चलते लोगों को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। लोहा और सीमेंट महंगा होना रियल एस्टेट कारोबार के साथ आम आदमी के लिए मुसीबत बन गया है। गृह निर्माण मटेरियल महंगा होने से फ्लैट की कीमतें बढ़ गई हैं। रेत की तरह ही अभी लाेग लोहे और सीमेंट के भाव कम होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

लेबर और निर्माण सामग्री में बढ़ोतरी होने से आम आदमी को एक हजार वर्गफीट के निर्माण पर सीधे तौर पर दो से तीन लाख रुपए की चोट होती नजर आ रही है। भवन निर्माण के काम में लगे बिल्डरों और ठेकेदारों ने बताया कि आज की तारीख में यदि भवन निर्माण का काम कराते हैं तो एक हजार वर्गफीट निर्माण के लिए मटेरियल के साथ 1200 से 1300 रुपए वर्गफीट का खर्च आएगा, जबकि पहले 1 हजार रुपए से 1100 रुपए प्रति वर्गफीट का खर्चा आ रहा था। इसी तरह यदि सिर्फ लेबर कॉन्ट्रैक्ट पर निर्माण कराते हैं तो 220 रुपए प्रति वर्गफीट का खर्चा आएगा, जो पहले 180 रुपए प्रति वर्गफीट में हो रहा था। इस प्रकार एक हजार वर्गफीट निर्माण पर कुल खर्च 10 लाख रुपए से बढ़कर अब 12 से 13 लाख रुपए हो चुका है। 

Created On :   9 Jun 2021 5:51 PM IST

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