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जिले में अब तक 7.25 करोड़ का नुकसान निजी वाहन चालक काट रहे चांदी
डिजिटल डेस्क, वर्धा। रापनि कर्मियों की हड़ताल बीते 27 अक्टूबर से चल रही है। जिसके चलते यात्री और मालवाहक बसंे बंद होने से रापनि को अब तक 7.25 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। यात्रियों को रापनि की बस सेवा कब शुरू होंगी इसका इंतजार है। इस समय वर्धा बस डिपो के पूछताछ कक्ष को ताला लगने से यात्रियों को किसी प्रकार की जानकारी नहीं मिल रही है। दूसरी तरफ बस स्थानक के बाहर निजी वाहन चालक यात्रियों को भेड़-बकरियों की तरह वाहन में भर कर चांदी काटते दिखाई दे रहे हैं। जिले के रापनि विभाग को यात्री परिवहन से रोजाना लगभग 25 लाख रुपए आय होती है। नियमित 210 शेड्यूल में बसें चलाई जाती थी। हड़ताल के कारण सभी शेड्यूल गड़बड़ा जाने से आय बंद है। जिसके चलते अब तक 7.25 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसके पहले कोरोना काल के कारण परिवहन बंद होने से पहले ही रापनि को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। रापनि की यात्री परिवहन सुचारू रूप से चलते ही हड़ताल का सामना करना पड़ा।
दूसरी तरफ रापनि कर्मचारियों के कम वेतन में उनके परिवार का पालन पोषण कैसे होगा यह भी बड़ा सवाल है। उसी में उनकी मांग को गंभीरता से ध्यान न देते हुए आंदोलन के कुछ मुख्य मुखियाओं पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। रापनि बसें बंद होने से सामान्या नागरिकों की समस्याएं बढ़ गई है। ग्रामीण परिसर की लाइफ लाइन मानी जाने वाली रापनि की बसें इस समय बंद होने से निजी वाहनचालक व ट्रैवल्स चालक चांदी काटते दिखाई दे रहे हैं। सीट के पूरे पैसे लेकर भेड़-बकरियों जैसे वाहनों में ठूंसकर यात्रा कराई जा रही है। यह दृश्य बस स्थानक के बाहर साफ दिख रहा है।
Created On :   25 Nov 2021 7:27 PM IST