कोरोना से उभरे मरीजों के लिए घातक बन रही लंग फाइब्रोसिस और थ्रोम्बोसिस बीमारियां

Lung fibrosis and thrombosis diseases becoming fatal for patients emerging from the corona
कोरोना से उभरे मरीजों के लिए घातक बन रही लंग फाइब्रोसिस और थ्रोम्बोसिस बीमारियां
कोरोना से उभरे मरीजों के लिए घातक बन रही लंग फाइब्रोसिस और थ्रोम्बोसिस बीमारियां

कोविड केयर सेंटर के प्रभारी एमडी मेडिसिन डॉ.विनीत श्रीवास्तव ने बीमारियों के लक्षणों और इनसे बचे रहने की दी सलाह
डिजिटल डेस्क पांढुर्ना/छिन्दवाड़ा।
कोरोना संक्रमण से ठीक हुए मरीजों के लिए म्यूकार माइकोसिस (ब्लैक फंगस) के साथ-साथ लंग फाइब्रोसिस और थ्रोम्बोसिस बीमारियां भी खतरा बन रही है। कोरोना संक्रमण के इलाज के दौरान स्टेरायड और एंटी बायोटिक दवाओं के प्रयोग के अलावा अधिक समय तक इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) में भर्ती रहने के कारण मरीजों में यह समस्या सामने आ रही है। जिसके कारण कोरोना संक्रमण से उभरे मरीजों को पैरालिसिस, हार्ट अटैक, पैर के पंजे का काला पडऩा व दर्द होना जैसी समस्या हो रही है। कई मरीज आंखों में जलन व शरीर में दर्द की समस्या लेकर अस्पतालों में पहुंच रहे है। चिकित्सक लोगों को हल्के लक्षण दिखने पर ही तत्काल सावधान होकर तुरंत इलाज कराने की सलाह दे रहे है। चिकित्सकों का कहना है कि इसमें जरा-सी चूक जानलेवा साबित हो सकती है।स्थानीय सिविल अस्पताल के कोविड केयर सेंटर के प्रभारी एमडी मेडिसिन डॉ.विनीत श्रीवास्तव म्यूकार माइकोसिस (ब्लैक फंगस) के साथ-साथ लंग फाइब्रोसिस और थ्रोम्बोसिस बीमारियों से जुड़ी जानकारियां देते हुए इनके प्रभावों से बचने के लिए मरीजों को सलाह दे रहे है। उनका कहना है कि यह तीनों बीमारियां कोरोना संक्रमण के बाद शरीर में दुष्प्रभाव छोड़ रही है। लक्षण नजर आते ही समय रहते इनके तत्काल उपचार से इन घातक बीमारियों से बचा जा सकता है।
म्यूकार माइकोसिस(ब्लैक फंगस): यह कोरोना संक्रमण के बाद दुष्प्रभाव छोड़ता है। शुरुआत में रोगी की नाक में काले निशान बन रहे है और यह फंगस आंखों के ऑर्बिटल एरिया व फेफड़ों को प्रभावित कर रहा है। यह लक्षण नजर आते ही समय पर जांच कराकर इससे बचा जा सकता है, क्योंकि यह बीमारी दिमाग तक पहुंचकर जानलेवा साबित हो सकती है। जबकि तत्काल डायग्नोसिस से इस बीमारी से बचा जा सकता है। यह बीमारी नई नही है। यह फंगल इंफेक्शन है, जो सालों से है और इसका इलाज भी संभव है।
थ्रोम्बोसिस:* कोविड संक्रमण के दौरान कई मरीजों में खून के गाढ़ा होने की थ्रोम्बोसिस बीमारी अटैक कर रही है। थ्रोम्बोसिस शरीर के किसी भी हिस्से की रक्त वाहिनियों में हो सकती है। जिसके कारण मरीजों को पैरालिसिस, हार्ट अटैक, पैर के पंजे का काला पडऩा और दर्द होना जैसी समस्याएं हो सकती है। इन सभी समस्याओं का इलाज है। पर समस्याओं से संबंधित किसी भी प्रकार के लक्षण नजर आने पर चिकित्सकों की सलाह जरूरी है। इसमें शरीर में कालापन अधिक होने से गैंगरीन होने का खतरा बना रहता है।
लंग फाइब्रोसिस:* ब्लैक फंगस और थ्रोम्बोसिस के अलाव लंग फाइब्रोसिस बीमारी भी ज्यादा प्रभावित कर रही है। कोविड के मरीजों में रिकवरी के बाद लंग फाइब्रोसिस बीमारी जिंदगीभर परेशानी का कारण बन सकती है। इसमें फेफड़ों की दीवारें मोटी होकर उनका लचीलापन खत्म कर देती है, जिससे फेफड़ों की क्षमता कम होकर सांस फूलने की समस्या जिंदगी भर रहती है। बीमारी उन मरीजों में देखने मिल रही है, जिनका ऑक्सीजन सैचुरेशन प्रभावित हुआ है। पीडि़त मरीज को लगभग दो महीने के अंदर इलाज मिल जाने से बीमारी पर काबू पाया जा सकता है, पर एक बार फाइब्रोसिस होने के बाद इलाज संभव नहीं है।

Created On :   13 May 2021 6:38 PM IST

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