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85 लाख रुपए की मशीनें अब भी सफाई के लिए नहीं मिल पाईं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश भर में पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए प्रयास हो रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शुद्धवायु अभियान में महानगरपालिका प्रशासन को 10 करोड़ रुपए की निधि आवंटित की थी। इसमें से 85 लाख रुपए की निधि से फरवरी में दो स्वीपिंग मशीनों की खरीदी की गई थी, लेकिन इन मशीनों में तकनीकी कमियों के चलते सफाई को आरंभ नहीं किया जा सका। लंबे दौर के निरीक्षण और परीक्षण के बाद आपूर्ति कंपनी को दिल्ली में दोनों मशीनों को भेजा गया था, पिछले सप्ताह प्रात्याक्षिक में मशीनों की खामियों को संतोषजनक नहीं पाया गया है। अधिकारी भी मान रहे हैं कि टेंडर के दौरान बेहतरीन मापदंडों के साथ मशीनों को आपूर्ति करने का दावा कंपनी ने किया था, लेकिन बाद में मशीनों को कम क्षमता के साथ आपूर्ति किया गया है। तकनीकी तौर पर अनुबंध के उल्लंघन के बाद भी मनपा प्रशासन से अनुबंध रद्द कर नई प्रक्रिया में मशीनों की खरीदी को लेकर पहल नहीं हो रही है। मनपा की लापरवाही से संसाधनों की बर्बादी के साथ ही स्वच्छता भी भगवान भरोसे पहुंच गई है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक स्वीपिंग मशीनों में 5005 सीसी क्षमता का इंजन लगा हुआ है। दोनों ओर के हिस्से में ब्रशों की सहायता से 600 डायमीटर क्षेत्र की सफाई होती है। 1 घंटे में 3.50 मीटर चौड़ाई के रास्ते को 8 से 10 किमी लंबाई में आसानी से सफाई की जा सकती है। आपूर्ति करने से पहले कंपनी ने अपने प्रात्याक्षिक में दो इंजन वाली मशीनों को दिखाया था, जिसके आधार पर दोनों मशीनों की खरीदी को हरी झंडी दी गई थी। इस साल फरवरी माह में दोनों मशीनों को पुरजोर प्रचार के साथ तत्कालीन महापौर दयाशंकर तिवारी ने लोकार्पण किया था, लेकिन शहर में सीताबर्डी, वर्धा रोड, प्रतापनगर, घाट रोड पर प्रत्यक्ष सफाई के दौरान सफाई नहीं हो पाई। इसके बाद मशीन के तकनीकी पहलुओं का परीक्षण करने पर एकल इंजन क्षमता की मशीनों की आपूर्ति होने का खुलासा हुआ था। इसके बाद कार्यशाला विभाग और लोककर्म विभाग ने दोनों मशीनों को दिल्ली में अतिरिक्त इंजन लगाने के लिए भेजा है। तकनीकी तौर पर मनपा प्रशासन के साथ कंपनी ने अनुबंध के मुताबिक के मापदंड के अनुरूप मशीनों की आपूर्ति नहीं की है, बावजूद इसके मनपा प्रशासन से अनुबंध रद्द करने की पहल नहीं हो रही है।
मनपा प्रशासन की ओर से साल 2013 में भी स्वीपिंग मशीन से रास्तों की सफाई को आरंभ किया गया था। इस दौरान किराये की मशीन को लेकर प्रयोग किया गया था, लेकिन अनियमितता की शिकायतों के बाद बंद करना पड़ा था। इस मर्तबा भी करीब 85 लाख रुपए की निधि से खुली निविदा प्रक्रिया में मनपा ने दोनों स्वीपिंग मशीनों की खरीदी को मंजूरी दी। शहर में करीब 227 वर्गकिलोमीटर परिधि में सफाई के लिए 7500 सफाई मजदूर कार्यरत हैं। ऐसे में प्रतिघंटा 9 किमी की मशीनों से सफाई की गति में भी दो मशीनों को पर्याप्त नहीं माना जा सकता है। इसके साथ ही शहर में पेविंग ब्लॉक और फुटपाथ के रास्तों के बीच समतोल नहीं होने से मशीनों से सफाई को संभव नहीं माना जा सकता है।
पिछले सप्ताह मनपा के कार्यशाला निरीक्षक विक्रम मानकर के साथ दो सदस्यों को दिल्ली भेजा गया था। मनपा की आवश्यकता के अनुरूप सफाई के लिए अतिरिक्त इंजन लगाने के बाद मशीनों का प्रात्याक्षिक लिया गया। इस प्रात्याक्षिक को आॅनलाइन पद्धति से अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी, घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष के उपायुक्त डॉ गजेन्द्र महल्ले और लोककर्म विभाग की कार्यकारी अभियंता सोनाली चव्हाण ने भी देखा, लेकिन मशीन से धूल की सफाई नहीं हो पाने की समस्या बनी हुई है। ऐसे में मनपा प्रशासन ने एक बार फिर से समयावधि बढ़ाकर मशीनों में बदलाव करने का निर्देश दिया है। अधिकारियों का दावा है कि समस्या का स्थायी समाधान नहीं होने पर अनुबंध को रद्द कर दिया जाएगा।
अनुबंध रद्द करने का होगा प्रयास
सोनाली चव्हाण, कार्यकारी अभियंता, लोककर्म विभाग, मनपा के मुताबिक दिल्ली स्थित आपूर्ति कंपनी को दोनों मशीनों में अतिरिक्त उपकरण लगाने का निर्देश दिया गया है। पिछले सप्ताह दोनों मशीनों का प्रात्याक्षिक भी लिया गया, लेकिन पूरी कार्यक्षमता से मशीन काम नहीं कर पाई है। समयावधि में बदलाव नहीं होने पर नोटिस देकर अनुबंध रद्द करने की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी। कंपनी को अब तक भुगतान नहीं किया गया है।
Created On :   18 Sept 2022 6:12 PM IST