महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव : यवतमाल की सात सीटों पर बड़े नेताओं की नजर

Maharashtra assembly elections parties focus seven seats in yavatmal
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव : यवतमाल की सात सीटों पर बड़े नेताओं की नजर
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव : यवतमाल की सात सीटों पर बड़े नेताओं की नजर

डिजिटल डेस्क, यवतमाल।  राज्य विधानसभा चुनाव में यवतमाल जिले के सातों सीट पर बड़े नेताओं की नजर है। यह सभी नेता अपने-अपने दलों के प्रत्याशियों को जिताने के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। अब तक राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कांग्रेस के महासचिव मुकुल वासनिक, वंचित आघाड़ी के एड. प्रकाश आंबेडकर, विदर्भ राज्य आंदोलन पार्टी के श्रीहरि अणे की सभाएं हो चुकी हैं। आगामी दिनों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मनसे प्रमुख राज ठाकरे की भी सभाएं हैं।  

‘अपनी डफली, अपना राग’

हर नेता ‘अपनी डफली, अपना राग’ अलाप रहा है। पहली बार प्रचार में डिजिटल बोर्ड का प्रयोग किया गया है। बैनर और पोस्टर से शहर के लगभग हर मुख्य स्थान पट गए हैं। एक तरह से गलाकाट स्पर्धा शुरू है। हर नेता की प्रचार सभा में भीड़ उमड़ रही है, मगर यह भीड़ वोट जुटाने में कितनी सफल हो पाती है, यह भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है। यवतमाल जैसे पिछड़े क्षेत्र में आकर इन नेताओं को सभाएं लेने की जरूरत आन पड़ी है, क्योंकि एक-एक सीट हथियाने से सत्ता प्राप्ति का अंक बढ़ सकता है। विपक्ष अब जनता को यह बताने में जुटा है कि पांच वर्ष के कार्यकाल में भाजपा-शिवसेना की सरकार ने जनता के लिए क्या नहीं किया। सत्ताधारी धारा 370 की बात कर रहा है, तो विपक्षी खेमा भी हमलावर है।  

वर्धा की सीटों पर पूरे देश की निगाह

वर्धा की राजनीति पर पूरे देश की निगाह होती है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के सांसद रामदास तड़स के चुनाव प्रचार में स्वावलंबी विद्यालय मैदान पर प्रचार सभा की गई थी, तो कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने एड. चारुलता टोकस के प्रचारार्थ स्वावलंबी विद्यालय मैदान पर सभा की, किंतु इसमें भाजपा के सांसद रामदास तड़स ने विजय हासिल की थी। लोकसभा चुनाव की तर्ज पर विधानसभा चुनाव में भी वर्धा की राजनीति में केंद्रीय नेताओं ने दखल देना शुरू किया है।  

गर्म हुआ था मामला

बता दें कि वर्धा विधासभा क्षेत्र में भाजपा का उम्मीदवार चुनते समय कुछ असामाजिक तत्वों ने आरएसएस के लेटर हेड पर फर्जी जाति निहाय सर्वे वायरल किया था। भाजपा द्वारा डॉ. पंकज भोयर को उम्मीदवार घोषित करने से तेली समाज नाराज हो गया। साथ ही पूर्व सांसद सुरेश वाघमारे बगावत के मूड में आए थे, किंतु उन्हें पार्टी ने शांत किया।

कांग्रेस के गढ़ में सेंध

वर्धा जिले की चारों विधानसभा क्षेत्र एक समय में कांग्रेस की गढ़ मानी जाता थी, किंतु भाजपा ने उसे सेंध लगाना शुरू कर दिया। हिंगणघाट विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2004 में निर्दलीय उम्मीदवार प्रा. राजू तिमाडे ने जीत हासिल की। इस वर्ष राकांपा के वरिष्ठ नेता सुरेश देशमुख के पुत्र समीर देशमुख बगावत कर शिवसेना की सीट पर देवली विस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस कारण जिले में राकांपा अपना अस्तित्व बचाने और हिंगणघाट में जीत दिलाने के लिए राकांपा के उम्मीदवार राजू तिमाडे के प्रचारार्थ सभा ली। गत लोकसभा चुनाव के समय पर धनराज वंजारी के प्रचारार्थ सभा के लिए डॉ. प्रकाश आंबेडकर आनेवाले थे, किंतु समय पर प्रशासन ने उनके हेलीपैड की इजाजत नहीं दी। इस विधानसभा चुनाव में वर्धा विधानसभा क्षेत्र में वंंचित बहुजन आघाड़ी के उम्मीदवार अंनत उमाटे के प्रचारार्थ आयोजित सभा में प्रकाश आंबेडकर पहुंचे। इन बड़े नेताओं के जिले में आने से राजनीति में क्या असर पड़ता है, यह समय बताएगा। 
 

Created On :   16 Oct 2019 7:18 AM GMT

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