पीएम आवास योजना (ग्रामीण) में निर्धारित लक्ष्य से पिछड़ा महाराष्ट्र

Maharashtra falls on the target set of PM Awas Yojana in Rural
पीएम आवास योजना (ग्रामीण) में निर्धारित लक्ष्य से पिछड़ा महाराष्ट्र
पीएम आवास योजना (ग्रामीण) में निर्धारित लक्ष्य से पिछड़ा महाराष्ट्र

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्र सरकार अपनी महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत वर्ष महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में वर्ष 2019-20 में आवासों के निर्माण के तय लक्ष्य के मुकाबले केवल 3 प्रतिशत ही मकान बना पायी है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के आंकडों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में निर्धारित 2,89,700 आवासों के निर्माण में से केवल 9690 मकान ही बनाए गए है। सांसद राजेन्द्र गावित ने लोकसभा में यह जानना चाहा था कि सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों में अपने लक्ष्य को पूरा कर लिया है। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। केन्द्रीय मंत्री के अनुसार प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रो में पिछले तीन वर्षों (2016-19) के दौरान 362599 पक्के आवासों का निर्माण किया गया है जबकि इन वर्षों के दौरान योजना के पहले चरण में सरकार ने 449820 पक्के घरों के निर्माण का लक्ष्य रखा था। ग्रामीण विकास मंत्री तोमर द्वारा लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार योजना के दूसरे चरण में नंदूरबार जिले में सबसे अधिक 42557 आवास बनाए जाने हैं। इनमें से चालू वित्त वर्ष में केवल 849 ही मकान बनाए गए हैं। वहीं नागपुर जिले में 8515 मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इनमें से केवल 132 ही मकान बनाए गए है। गढ़चिरौली जिले में 5888 मकान बनाए जाने थे, लेकिन यहां केवल 10 घर बनाए गए हैं। भंडारा जिले में 13950 में से 45 मकान, गोंदिया जिले में 21198 में से 11 मकान, अमरावती में 24185 में से 969 मकान, अकोला में 10603 में से 173, बुलढाणा में 4966 में से 281, चंद्रपुर में 7214 में से 15, वर्धा में 3890 में 36, नासिक में 27,016 में से 2,024 मकान और औरंगाबाद जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 4488 में से 223 ही मकान बनाए गए हैं। पालघर जिले में 11,249 मकानों का लक्ष्य रखा गया, लेकिन अब तक एक भी मकान नही बनाया गया है। आंकडों की माने तो सरकार महाराष्ट्र के सभी जिलों के ग्रामीण इलाकों में निर्मित मकानों के लक्ष्य के काफी पीछे चल रही है।

अप्पर प्रवरा परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में शामिल किया जाए, पाटील ने लोकसभा में की मांग

अहमदनगर से भाजपा सांसद सुजय विखे पाटील ने बुधवार को लोकसभा में अपने संसदीय क्षेत्र के अप्पर प्रवरा (निलवंडे-2) जल सिंचाई परियोजना को केन्द्रीय वित्तीय सहायता योजना में शामिल कराए जाने की मांग उठाई। उन्होने कहा कि यदि यह परियोजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में शामिल कराई जाती है तो इसका निर्माण कार्य जल्द हो सकेगा और क्षेत्र में पेयजल और सिंचाई की समस्या दूर होगी। नियम 377 के तहत इस मुद्दे को उठाते हुए सांसद सुजय विखे पाटील ने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने में तेजी लाने के लिए केन्द्र की वित्तीय सहायता योजना में शामिल करके इसके लिए आवंटित राशि में बढोतरी करने की आवश्यकता है। उन्होने सदन को बताया कि 2,232.62 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से निर्माणाधीन परियोजना से 2,12,758 एकड़ क्षेत्र में सिंचाई होगी और 13.15 एमसीएम पीने का पानी मिलेगा। इस परियोजना को जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्रालय की सलाहकार समिति ने जून 2018 को मंजूरी प्रदान की है। इस परियोजना से अहमदनगर जिले के छह तहसील और नासिख जिले की एक तहसील को फायदा होगा।
 


 

Created On :   11 Dec 2019 2:24 PM GMT

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