केंद्र के बाद अब महाराष्ट्र सरकार का दावा - ईश्वर की कृपा से ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं

Maharashtra government claims - Not a single death due to lack of oxygen
केंद्र के बाद अब महाराष्ट्र सरकार का दावा - ईश्वर की कृपा से ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं
केंद्र के बाद अब महाराष्ट्र सरकार का दावा - ईश्वर की कृपा से ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्र सरकार के बाद अब महाराष्ट्र सरकार ने भी दावा किया है कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी के कारण कोरोनाकाल में एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है। बुधवार को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि ईश्वर की कृपा से राज्य में ऑक्सीजन के अभाव में एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है। इस बारे में राज्य सरकार ने अदालत में भी हलफनामा दायर किया है। टोपे ने कहा कि नाशिक मनपा के जाकिर हुसैन अस्पताल के ऑक्सीजन टैंक से रिसाव के चलते मरीजों के मौत हुई थी। लेकिन वहां ऑक्सीजन की कमी नहीं थी। टैंक में लीकेज के कारण ऑक्सीजन आपूर्ति सेवा बाधित होने से लोगों की मौत हुई थी। 

टोपे ने कहा कि यह सच्चाई है कि राज्य में ऑक्सीजन किल्लत के चलते मरीजों की मौत नहीं हुई है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में ऑक्सीजन के अभाव के वजह से किसी मरीज की मौत नहीं हुई है। मरीजों की मौत कोरोना और विभिन्न बीमारियों से पहले से ग्रसित होने के कारण हुई है। टोपे ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में राज्य में उत्पादित होने वाले उद्योगों के ऑक्सीजन को लिक्विड ऑक्सिजन में बदलकर केवल चिकित्सीय उपयोग के लिए प्रबंध किया गया था। 

राज्य में दूसरी लहर में जब कोरोना के प्रतिदिन 65 हजार मरीज संक्रमित पाए जा रहे थे, उस समय प्रतिदिन 1700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन के जरिए मरीजों की जरूरतों को पूरा किया गया। जिसमें से राज्य में लगभग 1400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन था जबकि पड़ोसी राज्यों से करीब 300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मंगाया जा रहा था। टोपे ने कहा कि राज्य सरकार ने कभी ऐसा नहीं कहा था कि ऑक्सीजन के कमी के कारण कोरोना के मरीजों की मौत हुई है। इस बारे में सरकार के पास ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है और न ही सरकार की ओर से कोई बयान दिया गया है। 

नियमों का पालन और टीकाकरण से टाली जा सकती है तीसरी लहर

टोपे ने कहा कि कोविड नियमों का पालन और टीकाकरण के जरिए कोरोना की तीसरी लहर को टाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना का दो टीका लगा चुके लोगों को पाबंदियों में ढील देने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और कोविड टास्क फोर्स उचित फैसला करेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना नियंत्रण के लिए लागू पाबंदियों को शिथिल करने के लिए 70 से 80 प्रतिशत टीकाकरण पूरा होना आवश्यक है। इससे लोगों में सामूहिक प्रतिकार शक्ति तैयार हो जाएगी। 

टोपे ने कहा कि सरकार की राज्य में प्रतिदिन 10 से 15 लाख कोरोना का टीका देने की क्षमता है, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से हर दिन के लिए लगभग 2.50 से 3 लाख टीका उपलब्ध कराया जा रहा है। इसलिए केंद्र सरकार लगातार अधिक टीके की मांग की जा रही है। एक सवाल के जवाब में टोपे ने कहा कि कोरोना टीके की दो डोज लगा चुके लोगों की जांच करके स्टेशनों में प्रवेश देने के लिए शायद रेलवे के पास पर्याप्त मानव संसाधन उपलब्ध नहीं है। इसलिए संभवतः लोकल ट्रेनों में दोनों डोज लगवा चुके लोगों को यात्रा की अनुमति नहीं दी जा रही है। टोपे ने कहा कि निजी अस्पताल कोरोना से मरीजों की हुई मौत के आंकडों को दूरी से सरकार को उपलब्ध कराया था। इस कारण मंगलवार को कोरोना के मौत के आंकड़ों में 3 हजार 500 मृत्यु को जोड़ा गया था। निजी अस्पतालों को नियमित मौत के आंकडों की जानकारी देने के लिए मुख्यमंत्री के स्तर पर आदेश जारी किए जाएंगे। 
 

Created On :   21 July 2021 4:50 PM GMT

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