महाराष्ट्र सरकार खोज रही वक्फ की जमीन, सर्वे के लिए दो जिलों में पायलट प्रोजेक्ट

Maharashtra Government searching Land of Wakf, Pilot project in two districts for survey
महाराष्ट्र सरकार खोज रही वक्फ की जमीन, सर्वे के लिए दो जिलों में पायलट प्रोजेक्ट
महाराष्ट्र सरकार खोज रही वक्फ की जमीन, सर्वे के लिए दो जिलों में पायलट प्रोजेक्ट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विजय सिंह "कौशिक"। राज्य में वक्फ बोर्ड की हजारों एकड़ जमीनों की मौजूदा स्थिति की जानकारी जुटाने के लिए अल्पसंख्यक विभाग राज्यभर में सर्वेक्षण कराएगा। फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पुणे और परभणी में यह काम शुरू है।अल्पसंख्यक विभाग के प्रधान सचिव श्याम तागडे ने "दैनिक भास्कर" को बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दो जिलो में शुरू सर्वे की रिपोर्ट मिलने के बाद राज्य के अन्य जिलों में भी इसी तरह का सर्वे होगा। उन्होंने बताया कि वक्फ की जमीनों की सही जानकारी मिलने के बाद इन जमीनों के सार्वजनिक हित मे इस्तेमाल को लेकर योजनाए बनाई जाएंगी। गौरतलब है कि राज्य की फडणवीस सरकार ने फैसला लिया है कि वक्फ की जमीनों का सार्वजनिक हित के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा यानी इन जमीनों पर अस्पताल, स्कूल व कालेज बन सकेंगे। हालांकि मुस्लिम संगठनों और नेताओं ने इसका विरोध किया है।

50 फीसदी सम्पति पर अतिक्रमण

अल्पसंख्यक विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसके पहले वक्फ की जमीनों को लेकर वर्ष 2002 में रिपोर्ट आई थी। उस रिपोर्ट के मुताबिक वक्फ की करीब आधी जमीनों पर लोगों का अवैध कब्जा है। हमे 50 प्रतिशत जमीनों पर अतिक्रमण की जानकारी मिली है। महाराष्ट्र में वक्फ की 93 हजार एकड़ जमीन है।

मराठावाड़ा में होगा बदलाव

अल्पसंख्यक विभाग के प्रमुख सचिव श्री तागडे ने बताया कि मराठावाडा वक्फ बोर्ड में बदलाव के लिए नए अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। बाते दे कि वक्फ की आधी जमीने राज्य के मराठवाडा इलाके में ही हैं।

हो सकती है मोटी कमाई

दूसरी और केंद्र सरकार भी अब देश भर में फैले वक्फ बोर्ड की लाखों संपत्तियों को वक्फ माफियाओं के चंगुल से बचाने और उसका व्यावसायिक उपयोग करना चाहती है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बा नकवी का कहना है कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों से 10,000 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष कमाई हो सकती है। देश भर में 5,00,000 से अधिक वक्फ बोर्ड की संपत्तियां हैं। ये संपत्ति 6 लाख एकड़ में फैली हुई हैं। इन संपत्तियों में वर्तमान में केवल 150 करोड़ रुपए की आय होती हैं, जो संभावित आय से बहुत कम है।

Created On :   13 July 2018 7:51 PM IST

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