मानव तस्करी के मामले में दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र, केन्द्र ने कहा - राज्यों की है मुख्य जिम्मेदारी

Maharashtra is second in the case of human trafficking
मानव तस्करी के मामले में दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र, केन्द्र ने कहा - राज्यों की है मुख्य जिम्मेदारी
सरकार की चिंता बढ़ी मानव तस्करी के मामले में दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र, केन्द्र ने कहा - राज्यों की है मुख्य जिम्मेदारी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, अजीत कुमार. भारत में मानव तस्करी घोर अपराध की श्रेणी में आता है। इसके बावजूद मानव तस्करी के मामलों में वृद्धि सरकार की चिंता बढ़ा रही है। मानव तस्करी के मामले में महाराष्ट्र देश में दूसरे नंबर पर है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के ताजा आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2020 में देश में मानव तस्करी के कुल 1,714 मामले दर्ज किए गए थे, जो 2021 में बढ़कर 2,189 हो गए। 2021 में तेलंगाना में मानव तस्करी के सबसे ज्यादा 347 मामले दर्ज हुए थे तो महाराष्ट्र में ऐसे 320 मामले दर्ज हुए।

NCW ने मानव तस्करी रोधी प्रकोष्ठ का शुभारंभ किया -

तस्करों से प्रदेश के 890 लोग छुड़ाए गए

मानव तस्करी के पीड़ितों की संख्या के लिहाज से भी महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर है। केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि 2021 में देश में मानव तस्करी के पीड़ितों की कुल संख्या 6,533 थी, जिनमें से 6,213 को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ा लिया गया। महाराष्ट्र में 918 लोगों की तस्करी हुई थी और इनमें से 890 को छुड़ाने में पुलिस कामयाब रही। ओडिशा में सबसे ज्यादा 1,475 लोग तस्करों के चंगुल में फंसे, जिनमें से 1,290 को छुड़ाया गया।

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हर जिले में स्थापित हो रही एएचटीयूएस 

स्मृति ईरानी ने बताया कि ‘पुलिस’ और ‘पब्लिक ऑर्डर’ राज्य का विषय होने के चलते मानव तस्करी को रोकने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से राज्य सरकारों की है। फिर भी केन्द्र सरकार इस संबंध में विभिन्न पहल और उपाय करके सरकारों के प्रयासों में सहयोग कर रही है। उन्होंने बताया कि मानव तस्करी रोधी इकाइयों (एएचटीयूएस) को मजबूत किया जा रहा है और सभी जिलों में नए एएचटीयूएस की स्थापना के लिए निर्भया फंड के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। ‘मिशन शक्ति’ की ‘सामर्थ्य’ उप-योजना के अंतर्गत व्यावसायिक यौन शोषण के लिए तस्करी की रोकथाम और पीड़ितों के बचाव, पुनर्वास, पुर्नएकीकरण और देश प्रत्यावर्तन के लिए ‘शक्ति सदन’ योजना को कार्यान्वित किया जा रहा है।

क्या है मानव तस्करी?

किसी व्यक्ति को डराकर, बलपूर्वक या दोषपूर्ण तरीके से काम लेना, यहां से वहां ले जाना या बंधक बनाकर रखने जैसे कृत्य तस्करी की श्रेणी में आते हैं। गरीबी, अशिक्षा, मांग और आपूर्ति का सिद्धांत, बंधुआ मजदूरी, देह व्यापार, सामाजिक असमानता, क्षेत्रीय लैंगिक असंतुलन, चाइल्ड पोर्नोग्राफी आदि वजहों से मानव तस्करी को अंजाम दिया जाता है।

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प्रदेश   -       कुल मामले  -      पीड़ित  -  बचाए गए (2021, एनसीआरबी)

तेलंगाना  -   347           -       796    -  796
महाराष्ट्र  -   320           -       918    -  890
ओडिशा  -    136            -     1,475  -  1,290

 

Created On :   19 March 2023 2:13 PM GMT

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