बिजली महंगी करने की तैयारी में महावितरण, उद्योगों पर पड़ेगा असर

Maharashtra: Mahavitaran company wants to hike electricity rate
बिजली महंगी करने की तैयारी में महावितरण, उद्योगों पर पड़ेगा असर
बिजली महंगी करने की तैयारी में महावितरण, उद्योगों पर पड़ेगा असर

डिजिटल डेस्क,नागपुर। महावितरण बिजली महंगी करने की तैयारी में है। इसकी मार सबसे पहले उद्योगों पर पड़ेगी। महावितरण ने बिजली दर को सुनिश्चित करने वाले महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग के पास याचिका दाखिल की है। इस याचिका में इस बार महावितरण ने बड़ी चालाकी से विद्युत दरों को बढ़ाने की दरख्वास्त न कर तकनीकी रूप से मिलने वाली छूट को घटाकर उद्योगों से रकम वसूलने की तरकीब निकाली है। इस कारण विद्युत दरों के चलते पहले से परेशान उद्यमियों में दहशत है। और तो और स्थायी शुल्क को भी दोगुना करने की मंशा है। तसल्ली यह है कि महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग में दो सदस्यों की गैर-हाजिरी को लेकर बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने कोई भी कार्य पर करने पर स्थगन दिया हुआ है।

महावितरण का खेल
महावितरण समयानुसार विद्युत दर में भी सुधार चाहती है। वर्तमान में दोपहर 12 बजे से 6 बजे के बीच सामान्य विद्युत दर थी। महावितरण अब इस समय में 80 पैसे प्रति यूनिट समयानुसार वृद्धि चाहती है। पूर्व में शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक के अति व्यस्ततम समय में महावितरण 1 रुपए 80 पैसे अतिरिक्त वसूलती थी। सुबह के अति व्यस्ततम समय सुबह 9 बजे से 12 बजे तक अतिरिक्त 1 रुपए 10 पैसे देना होते थे। जबकि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक उद्योगों को 1 रुपए 50 पैसे की छूट दी जाती थी। इस प्रकार लगातार चले वाले उद्योगों पर 25 से 30 प्रतिशत और दिन में चलने वाले उद्योगों पर 40 प्रतिशत का अधिक भार पड़ने की संभावना है।

ये प्रमुख बदलाव चाहती है महावितरण
1. सबसे पहले तो महावितरण लोड फैक्टर को 75 प्रतिशत से 85 प्रतिशत करना चाहती है और इस पर मिलने वाली छूट को घटाना चाहती है। 
2. अभी तक 75%से अधिक लोड फैक्टर पर 15%तक प्रोत्साहन छूट दी जाती थी। महावितरण इसे अब 85 % से अधिक लोड फैक्टर वाले उद्योगों को देना चाहती है और प्रोत्साहन राशि को 7 प्रतिशत करना चाहती है। 
3. अभी तक केडब्ल्यूएच (अर्थात एक्टिव)  से बिलिंग की जाती थी। महावितरण अब इसे केवीएएच (अर्थात रि-एक्टिव) से करना चाहती है। जबकि महावितरण खुद केडब्ल्यूएच से बिजली खरीद करती है। 
4. अभी तक 0.95 पावर फैक्टर से अधिक पर मिलने वाली छूट भी खत्म होगी। यह 0.1 बढ़ने पर 1 प्रतिशत व 100 होने पर अधिकतम 7 प्रतिशत थी। इसका मतलब अब महवितरण इस छूट को भी खत्म कर देगी। 
5. यह शर्त केवल उच्चदाब उपभोक्ताओं के लिए है। लघुदाब उपभोक्ताओं पर इसका असर नहीं पड़ेगा। पलायन की स्थिति बनेगी

उद्योग होंगे प्रभावित
महावितरण ने सीधे-सीधे बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं रखा है, लेकिन उद्योगों को मिलने वाली तकनीकी छूटों को खत्म करने का प्रस्ताव रखा है। इससे पहले से ही प्रदेश के प्रतियोगिता से बाहर हो रहे उद्योग अब बेसहारा हो जाएंगे। प्रदेश में नए उद्योगों के लगने पर तो रोक लगेगी ही, साथ ही चल रहे उद्योगों के पलायन की भी स्थिति निर्मित होगी।
-अतुल पांडे, अध्यक्ष
विदर्भ इंडस्ट्रीज़ एसोसिएशन

Created On :   24 Jan 2018 10:30 AM IST

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