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महाराष्ट्र का दूध संकट होगा दूर, मिल्क प्रोडक्ट एक्सपोर्ट करने पर किसानों को मिलेगा 20 % इंसेंटिव
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने महाराष्ट्र में उभरे दूध संकंट को दूर करने के लिए दूध पाउडर और कैसीन इत्यादी पर निर्यात प्रोत्साहन सब्सिडी 10 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का फैसला किया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) से अनुरोध के बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने दावा किया कि इससे दूध उत्पादक किसानों को लाभ मिलेगा। दरअसल, केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने गुरुवार को एक बयान जारी किया। बयान में कहा गया है कि दूध क्षेत्र की समस्या समाप्त करने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं।
जिसके बाद विभाग ने मांग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न राज्यों को पत्र लिखा है कि वह मिड-डे मील एवं एकात्मिक बाल विकास योजना के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से दूध की खपत बढ़ाएं। वर्किंग कैपिटल लोन के लिए राज्य कॉपरेटिव फेडरेशन को 300 करोड़ रुपये का फंड एनडीडीबी के अंदर तैयार किया जा रहा है। जिसमें से 5 प्रतिशत के ब्याज दर पर विभिन्न सहकारी संस्थाओं को ऋण दिया जाएगा।
इसके अलावा मठ्ठा पावडर तथा अन्य दूध उत्पादों पर आयात शुल्क 30 से बढ़ाकर 40 प्रतिशत किया गया है। साथ ही दूध से बने पदार्थ एवं दूध पावडर के निर्यात पर इंसेंटिव 10 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का विदेश व्यापार महानिदेशालय से अनुरोध भी किया गया है। जिसका लाभ दूध उत्पादक किसानों को मिलेगा। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में दूध के दाम में बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर पिछले चार दिन से आंदोलन जारी है।
इसे देखते हुए दिल्ली में मंगलवार से दो दिन बैठकें हुई। केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के कहने के मुताबिक बुधवार को ही दूध के मसले पर कृषि मंत्रालय की ओर से बड़ा फैसला घोषित किया जाना था, लेकिन गुरुवार को केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह द्वारा जारी बयान से दूध आंदोलक किसानों को कोई खास राहत मिलने संकेत नजर नही आ रहे हैं।
Created On :   19 July 2018 2:29 PM GMT