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सिक्कों से बिल का भुगतान करने आए किसान को महावितरण ने लौटाया, काट दी बिजली
डिजिटल डेस्क, नागपुर। एक तरफ सरकार किसानों के साथ खड़े होेने का दावा कर रही है, वहीं प्रशासन किसानों के साथ कितना क्रूर मजाक कर सकता है, इसका उदाहरण जिले के पारशिवनी में देखने मिला। सिक्के देकर बिल का भुगतान करने आए किसान की महावितरण ने बिजली काट दी। आश्चर्य की बात यह है कि किसान पर कोई बकाया बिल नहीं है। चालू महीने का बिल वह भरना चाहता है और महावितरण सिक्के स्वीकार करने को तैयार नहीं है। जिले में पारशिवनी के रहने वाले किसान दिनेश बडवाइक के घर दो मीटर हैं। अक्टूबर महीने में उनका कुल 2700 रुपए बिजली बिल आया। दिनेश बिल भरने के लिए महावितरण द्वारा नियुक्त कलेक्शन सेंटर पहुंचा, तो सिक्के स्वीकार नहीं किए गए। उपकार्यकारी अभियंता एम. डी. मानमोडे से गुजारिश की तो उन्होंने दुकान-दुकान जाकर सिक्के के बदले नोट लाने की सलाह दी। इसके लिए अपना एक व्यक्ति भी साथ देने की नसीहत दी। 1000 रुपए से ज्यादा सिक्के नहीं स्वीकारने का कारण बताकर किसान को बैरंग लौटा दिया। बिल भुगतान की ड्यू डेट खत्म होने के बाद सहायक अभियंता पी. एस. डोंगरे 19 नवंबर को उनके घर पहुंचे और पोल से बिजली काट दी। पीड़ित ने श्री डोंगरे को 5,10 के सिक्के देकर बिजली नहीं काटने की गुजारिश की, लेकिन कोई प्रतिसाद नहीं मिला।
भारतीय मुद्रा का किया अपमान
सिक्के भारतीय मुद्रा है और इसे अस्वीकार नहीं किया जा सकता। किसान द्वारा बिल के भुगतान के लिए लाए गए सिक्के स्वीकार नहीं करना एक तरह से भारतीय मुद्रा का अपमान है। महावितरण के अधिकारियों ने यह कारनामा किया है। पीड़ित ने इसकी शिकायत मुख्य अभियंता कार्यालय में की। मुख्य अभियंता कार्यालय से पीड़ित की मदद करने को कहा गया, लेकिन अधिकारियों ने सीधे पोल से ही बिजली काट दी। आरबीआई के अनुसार वैध चलन स्वीकार नहीं करना अपराध है।
पड़ोसी ने दिखाई मानवता
महावितरण का क्रूर चेहरा सामने आने के बाद पड़ोसी रिश्तेदार ने मानवता दिखाते हुए अपने घर से कुछ दिनों के लिए दिनेश से विद्युत आपूर्ति की। पीड़ित दिनेश ने बताया कि बिजली पूर्ववत: करने के लिए नागपुर व पारशिवनी के महावितरण कार्यालय में जाकर गुजारिश की, लेकिन कोई प्रतिसाद नहीं मिला। बिल भरने को तैयार हूं, लेकिन महावितरण परेशान करने पर तुला है। सिक्के स्वीकार नहीं किए जा रहे। दुकान-दुकान जाकर सिक्को को नोट बनाकर लाने का ताना मारा जा रहा है। महावितरण के अधिकारियों से मानवता की उम्मीद है।
हम नोट से भुगतान चाहते हैं
महावितरण पारशिवनी सब स्टेशन के सहायक अभियंता पी. एस. डोंगरे ने कहा कि विद्युत उपभोक्ता दिनेश सिक्के से भुगतान करना चाहता था। हम सिक्के की बजाय नोट से भुगतान चाहते हैं। जब नहीं माना तो उसकी बिजली काट दी गई। जोड़-तोड़ करके बिजली न ले, इसलिए पोल से बिजली काट दी। हमने ड्यू डेट के बाद 15 दिन का नोटिस उसे नहीं दिया।
एक हजार से ज्यादा के सिक्के नहीं ले सकते
महावितरण के उपकार्यकारी अभियंता एम. डी. मानमोडे ने कहा कि बिल कलेक्शन सेंटर एक हजार तक ही सिक्के स्वीकारता है। इसलिए एक हजार से ज्यादा सिक्के हम स्वीकार नहीं कर सकते। बैंक सिक्के लेने से मना करता है। दिनेश नोट से भुगतान करे, तो बिजली पूर्ववत: की जा सकती है। दुकानों में जाकर सिक्के के बदले नोट लाने को कहा था। इसके लिए एक आदमी मदद के लिए देने को तैयार हूं।
पुलिस अधीक्षक से की शिकायत
पीड़ित ने बिजली बिल भुगतान के लिए सिक्के स्वीकार नहीं करने की लिखित शिकायत पारशिवनी थाने में की, लेकिन यह मामला हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं होने का कारण बताकर शिकायत स्वीकार नहीं की गई। पीड़ित ने डाक से यह शिकायत पुलिस अधीक्षक (नागपुर ग्रामीण) कार्यालय भेजी है।
कलेक्शन सेंटर पर कार्रवाई होगी
शिवकुमार पिसे, पीए मुख्य अभियंता महावितरण के मुताबिक उपकार्यकारी अभियंता मानमोडे को सिक्के लेने को कहा था। कलेक्शन सेंटर से बात करके पीड़ित को मदद करने को भी कहा था। पीड़ित को न अधिकारी से मदद मिली न कलेक्शन सेंटर से। पीड़ित ने इस संबंध में मुख्य अभियंता कार्यालय में शिकायत की है। बिल कलेक्शन सेंटर बंद करने का नोटिस दिया गया है। सेंटर हमेशा के लिए बंद करने की प्रक्रिया जारी हैै। बिजली काटने के पहले नोटिस देना चाहिए था। पीड़ित को राहत दी जाएगी।
Created On :   26 Nov 2019 8:36 PM IST