आईएस से संबंधों के आरोपी मजीद की जमानत बरकरार, एनआईए ने हाईकोर्ट में दी थी चुनौती 

Majeeds bail in connection with IS remains intact, NIA challenged in High Court
आईएस से संबंधों के आरोपी मजीद की जमानत बरकरार, एनआईए ने हाईकोर्ट में दी थी चुनौती 
आईएस से संबंधों के आरोपी मजीद की जमानत बरकरार, एनआईए ने हाईकोर्ट में दी थी चुनौती 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने आतंकी संगठन आईएसआईएस से कथित संबंध के आरोप में गिरफ्तार 27 वर्षीय युवक अरीब मजीद को निचली अदालत से मिली जमानत को बरकरार रखा है। मजीद को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने जमानत दी थी। जिसे एनआईए ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। किंतु न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति मनीष पीटले की खंडपीठ ने मजीद के मुकदमे की सुनवाई में रही देरी के मद्देनजर उसे निचली अदालत से मिली जमानत को कायम रखा।

मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि तेजी से निष्पक्ष सुनवाई पाना हर कैदी का संवैधानिक अधिकार है। खंडपीठ ने कहा कि यदि लंबे समय तक चली मुकदमे की सुनवाई के बाद आरोपी को निर्दोष पाया जाता है, तो इस अवधि के दौरान जेल में बीते समय को आरोपी को वापस नहीं लौटाया जा सकता। अब तक इस मामले की सुनवाई में पांच साल का समय बीत चुका है। मामले से जुड़े 50 गवाहों की गवाही हुई है। अभी 107 गवाहों की गवाही बाकी है। ऐसे में जल्द ही इस मामले की सुनवाई पूरी होने की संभावना नजर नहीं आती है। इसलिए आरोपी को जमानत दी जाती है।

खंडपीठ ने मजीद को एक लाख रुपए के मुचलके पर जमानत दी है और उसे कल्याण इलाके से बाहर न जाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी को नियमित अंतराल पर पुलिस स्टेशन में हाजरी लगाने को भी कहा है। 

एनआईए की ओर से पैरवी करनेवाले एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने दावा किया था कि मजीद आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़ने के लिए सिरिया गया था और भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के इरादे से लौटा था। लेकिन उसे भारत पहुंचते ही नवंबर 2014 में एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया था। मजीद पर अवैध गतिविधि प्रतिबंधक कानून व भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। जिसके तहत मदीज पर देश के खिलाफ युध्द छेड़ने का आरोप है।

इसक पहले मजीद ने कोर्ट में दावा किया था कि वह सीरिया में लोगों की मदद करने के लिए गया था। इसके अलावा उसने एनआईए द्वारा लगाए गए सभी आरोपों का खंडन किया था। मजीद को मार्च 2020 में निचली अदालत ने जमानत प्रदान की थी। लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। जिसके चलते जमानत मिलने के बावजूद मजीद जेल में था। 

 

Created On :   23 Feb 2021 1:57 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story