मल्लिकार्जुन खड़गे की दोटूक- पेगासस मसले पर चर्चा हो और मोदी की मौजूदगी में गृह मंत्री दें जवाब 

Mallikarjun Kharges taunt - Pegasus issue should be discussed in house
मल्लिकार्जुन खड़गे की दोटूक- पेगासस मसले पर चर्चा हो और मोदी की मौजूदगी में गृह मंत्री दें जवाब 
मल्लिकार्जुन खड़गे की दोटूक- पेगासस मसले पर चर्चा हो और मोदी की मौजूदगी में गृह मंत्री दें जवाब 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में पेगासस जासूसी मसले पर हंगामा जारी है। विपक्ष ने साफ किया है कि सरकार के पेगासस मसले पर चर्चा के लिए तैयार होने के बाद ही गतिरोध खत्म होगा। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा  हमारी मांग है कि सबसे पहले पेगासस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में विस्तार से चर्चा हो। इस पर गृह मंत्री अमित शाह जवाब दें और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी सदन में मौजूद रहें। शुक्रवार को खड़गे के संसद भवन स्थित कार्यालय में विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई, जिसमें सभी ने एक आवाज में कहा कि पहले पेगासस मुद्दे पर चर्चा जरूरी है। इसके बाद दूसरे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। खड़गे ने कहा, ‘पेगासस पर चर्चा कर लीजिए, हम भी चर्चा के लिए तैयार हैं’। उन्होने कहा कि कृषि कानून, पेट्रोल डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी, राफेल खरीद में भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे पर भी हम चर्चा चाहते हैं। उन्होने सरकार के इस आरोप का खंडन किया कि विपक्ष सदन नहीं चलने दे रहा है। उन्होंने कहा कि सदन में गतिरोध पैदा होना भी लोकतंत्र का हिस्सा है। इसके पहले भाजपा नेता अरूण जेटली और सुषमा स्वराज ने भी यही कहा और किया था। 

बकरीद में बचेंगे, तो मोहर्रम में नाचेंगे

यह पूछे जाने पर कि सुप्रीम कोर्ट में सच्चर आयोग के गठन को संविधान के खिलाफ बताते हुए एक याचिका दायर की गई है, मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पहले लोकतंत्र को बचाना है। जब संविधान जिंदा रहेगा तो ये सब बातें होंगी। उन्होने तंज कसा, ‘बकरीद में बचेंगे, तो मोहर्रम में नाचेंगे’। 

महाराष्ट्र की सरकार गिराने की मंशा

इससे पहले खड़गे ने आरोप लगाते कहा था कि मोदी और शाह महाराष्ट्र की सरकार गिराने में जुटे हैं। उनकी नजरें महाराष्ट्र सरकार पर हैं।  इसके अलावा पार्टी ने महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के बयान को गलत तरीके से पेश करने का आरोप मीडिया के मत्थे मढ़ा था। पार्टी के महाराष्ट्र प्रभारी एच.के.पाटिल ने बयान को मीडिया की देन बताया, जिसने गलतफहमी पैदा की। उन्होंने कहा कि पटोले ने कहा था कि उनके बयानों की जड़ केंद्र सरकार पर केंद्रित थी और इसलिए अब यह मामला दब गया है। पाटिल ने कहा कि अन्य महाविकास अघाड़ी सहयोगियों - शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के लिए पटोले के स्पष्टीकरण के बाद इस मामले पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।

Created On :   30 July 2021 6:11 PM IST

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