कोर्ट के आदेश पर 360 धार्मिक स्थलों की प्रबंध समितियों ने जमा कराए 60 हजार रुपए, पक्ष सुनने की गुहार

Management committees submitted money after the order of court
कोर्ट के आदेश पर 360 धार्मिक स्थलों की प्रबंध समितियों ने जमा कराए 60 हजार रुपए, पक्ष सुनने की गुहार
कोर्ट के आदेश पर 360 धार्मिक स्थलों की प्रबंध समितियों ने जमा कराए 60 हजार रुपए, पक्ष सुनने की गुहार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के अनधिकृत धार्मिक स्थलों के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई में नागपुर महानगरपालिका ने कोर्ट को जानकारी दी कि कोर्ट के आदेश के अनुसार 360 धार्मिक स्थलों की प्रबंध समितियों ने 60 हजार रुपए जमा करा कर अतिक्रमण पर अपनी आपत्ति को सुनने की गुजारिश की है।

मनपा की सूची में नागपुर शहर में कुल 1521 धार्मिक स्थल अवैध हैं। इस पर कोर्ट ने मनपा को निर्देश दिए कि वे पैसे भरने वाली प्रबंध समितियों की आपत्तियों और उनके पास पूर्व में दर्ज की गई आपत्तियों का सत्यापन करें। साथ ही पैसे भरने वाली और पैसे नहीं भरने वाली प्रबंध समितियों के अतिक्रमण के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी, इस पर दो सप्ताह में मनपा विस्तृत एक्शन प्लान प्रस्तुत करें।

उल्लेखनीय है कि इस मामले में नागरी हक्क संरक्षण मंच ने मध्यस्थी अर्जी दायर कर अतिक्रमण नहीं तोड़ने का आदेश जारी करने की प्रार्थना कोर्ट से की थी। कोर्ट ने न केवल इस मध्यस्थी अर्जी को खारिज किया, बल्कि याचिकाकर्ता पर 10 हजार रुपए की कॉस्ट भी लगाई। 

मनपा द्वारा कोर्ट में दिए गए अनधिकृत धार्मिक स्थलों के ब्यौरे के अनुसार मनपा ने शहर का सर्वे किया है। सर्वे में 1521 धार्मिक स्थल अनधिकृत पाए गए हैं। इन्हें ए और बी दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है। ए-श्रेणी के 18 अनधिकृत धार्मिक स्थल ऐसे हैं, जिनसे जनता की भावनाएं जुड़ी हई हैं और इनसे कोई नुकसान नहीं होने के कारण पुलिस ने उन्हें नियमित करने की रिपोर्ट मनपा को दी है, लेकिन बी-श्रेणी के 1503 अतिक्रमण ऐसे हैं, जिनसे शहर में यातायात और विकास कार्यों को व्यवधान पहुंच रहा है और उन्हें हरगिज नियमित नहीं किया जा सकता। वहीं कुल 475 अतिक्रमण सड़क पर हैं, जिससे परेशानी बढ़ी है।

1028 अतिक्रमण खुले मैदान में हैं। इसमें से 193 अतिक्रमण वर्ष 1960 के पहले के हैं, 1311 अतिक्रमण वर्ष 1960 के बाद स्थापित हुए हैं। 193 अतिक्रमण के खिलाफ जारी कार्रवाई पर आपत्ति लेने के बाद उनका फैसला राज्य स्तरीय समिति के पास विचाराधीन है। शेष के खिलाफ मनपा की कार्रवाई जारी है। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड. फिरदौस मिर्जा और मनपा की ओर से एड. सुधीर पुराणिक ने पक्ष रखा। 

Created On :   31 Aug 2018 11:46 AM IST

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