मनपा ने जीपीआरएस घड़ी के ट्रायल पर ही फूंक दिए पौने दो करोड़

Manpa waste two crore on GPRS watch trial itself
मनपा ने जीपीआरएस घड़ी के ट्रायल पर ही फूंक दिए पौने दो करोड़
मनपा ने जीपीआरएस घड़ी के ट्रायल पर ही फूंक दिए पौने दो करोड़

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  शहर में साफ-सफाई को लेकर मनपा पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं। सफाई कर्मचारियों के काम से नौ-दो-ग्यारह हो जाने की मनपा को शिकायतें मिलती रहीं। इन समस्याओं का निपटारा करने सफाई कर्मचारियों को जीपीआरएस घड़ी देकर नजर रखने का निर्णय लिया गया। सभी कर्मचारियों को जीपीआरएस घड़ी दी गई। जीपीआरएस सिस्टम से कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज कर उसी के आधार पर वेतन अदा करने की प्रक्रिया शुरू हुई।

सिस्टम में खामियों के आरोप लगने पर इस प्रक्रिया को रोक लगाई गई। घड़ियों की विश्वसनीयता परखने के लिए स्वास्थ्य समिति सभापति वीरेंद्र कुकरेजा की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की गई। अगस्त महीने से कमेटी डे-टू-डे जांच कर रही है। अभी तक जांच पूरी नहीं हो पाई, जबकि जीपीआरएस घड़ियों की सेवा प्रदाता कंपनी को प्रति घड़ी हर महीने 207 रुपए किराया और 18 प्रतिशत जीएसटी के साथ 244 रुपए भुगतान जारी है। नौ महीने में बिना उपयोग के ट्रायल पीरियड में मनपा ने घड़ी के किराए पर 1 करोड़, 75 लाख, 68 हजार रुपए फूंक दिए हैं।

शहर में साफ-सफाई को लेकर आवाज उठने पर कामगारों पर निगरानी रखने के लिए जीपीआरएस घड़ी दी गई। स्थायी तथा अस्थायी 8000 सफाई कामगारों को घड़ी आपूर्ति करने का आईटीए सेवा प्रदाता कंपनी से अनुबंध किया गया। जून 2018 से सिस्टम लागू किया गया। 11 महीने जीपीआरएस घड़ी से दर्ज उपस्थिति के आधार पर वेतन भुगतान किया गया। सफाई कामगारों के संगठनों ने सिस्टम का विरोध किया। सिस्टम में खामियों के आरोप लगाए गए। इसे लेकर आंदोलन भी हुए। कामगारों का रोष बढ़ता देख जून 2019 में तत्कालीन सत्तापक्ष नेता संदीप जोशी ने सिस्टम की विश्वसनीयता परखने के लिए जांच कमेटी गठित करने का पक्ष रखा था। स्वास्थ्य समिति सभापति वीरेंद्र कुकरेजा की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई। नौ महीने में कमेटी जांच पूरी नहीं कर पाई है। 

 31 अक्टूबर तक देनी थी रिपोर्ट
सफाई कामगारों के विरोध के चलते जब तक जांच कमेटी की रिपोर्ट नहीं आएगी, तब तक रजिस्टर में उपस्थिति दर्ज करने का निर्णय लिया गया था। कमेटी को 31 अक्टूबर 2019 तक रिपोर्ट पेश करने का समय दिया गया था। अगस्त महीने से कमेटी की डे-टू-डे जांच चल रही है। जांच प्रक्रिया लड़खड़ा जाने से मनपा पर घड़ी के किराए का व्यर्थ आर्थिक बोझ पड़ रहा है।

3 महीने में पूरा होगा ट्रायल
सफाई कामगारों को दी गई सभी जीपीआरएस घड़ियां चालू हैं। जीपीआरएस सिस्टम के आधार पर सफाई कामगारों की उपस्थिति की जांच का ट्रायल किया जा रहा है। ट्रायल पूरा हो जाने पर घड़ी के आधार पर उपस्थिति दर्ज कर वेतन भुगतान शुरू किया जाएगा। इस प्रक्रिया को पूरा करने में और 3 महीने समय लग सकता है।
वीरेंद्र कुकरेजा, सभापति, मनपा स्वास्थ्य समिति

Created On :   6 Feb 2020 12:39 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story