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अनेक किसानों ने उखाड़ फेंकी कपास की फसल
डिजिटल डेस्क, वर्धा। जिले में कपास की फसल पर गुलाबी बोंड इल्ली का प्रकोप होने से अनेक किसानों के कपास की फसल उखाड़कर फेंक दी है। तहसील के गोजी गांव के कुछ किसानों ने कपास की फसल उखाड़कर चने के बुआई शुरू कर दी है। गौरतलब है कि वर्धा जिले में बड़े पैमाने पर कपास का उत्पादन लिया जाता है। विदर्भ में कपास उत्पादन में जिले का उल्लेख किया जाता है। इस बार बाजार में कपास को 8 हजार रुपए प्रति क्विंटल के उपर दाम मिल रहे हैं। लेकिन कपास की फसल पर गुलाबी बोंड इल्ली का प्रकोप होने से किसानों के सपने पर पानी फिर गया। अनेक किसानों को बुआई का खर्च भी निकल पाना संभव नहीं है। फिलहल कपास के पौधों पर आए बोंड फूट रहे हैं। किसानों के खेतों में कपास की चुनाई का काम जोरों पर है। इस बार कपास की चुनाई नवंबर माह में ही पूर्ण होने वाली है। इस बार कपास को प्रति क्विंटल 8 हजार रुपए के दाम मिल रहे हैं। मात्र दो चुनाई में ही खेतों का कपास खत्म होने वाला है। इस बार किसानो को प्रति एकड़ चार से पांच क्विंटल के आसपास उत्पादन मिल रहा है। बोंड इल्ली के कारण किसानों का आर्थिक नियोजन ध्वस्त हो गया है। अनेक किसानो के कपास की फसल पर गुलाबी बोंड इल्ली ने हमला करने से पौधों पर के बोंड सड़ गए है। इस कारण अनेक किसानों ने कपास की फसल उखाड़कर फिलहाल रबी मौसम के फसल की बुआई करने की तैयारी करने का निर्णय लिया है। वर्धा तहसील समीप के गोजी गांव के अनेक किसानों ने तो कपास की फसल उखाड़कर चने की बुआई की तैयारी शुरू की है।
Created On :   3 Nov 2021 7:58 PM IST