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तेंदूपत्ता तुड़ाई के नाम पर काटे जा रहे बहुमूल्य बड़े वृक्ष
डिजिटल डेस्क, अहेरी(गड़चिरोली )। समूचे राज्य के एकमात्र गड़चिरोली जिले में प्रचुर मात्रा में वनसंपदा उपलब्ध है। ग्रामीण अंचल के आदिवासियों का जीवन आज भी वनसंपदा पर निर्भर है, इन दिनों तेंदूपत्ता संकलन के नाम पर बड़े पेड़ों की अवैध रूप से कटाई की जा रही है, जिससे वनसंपदा पर खतरा मंडराने लगा है।
उल्लेखनीय है कि अहेरी उपविभाग के सभी वन परिक्षेत्र में इन दिनों तेंदूपत्ता की तुड़ाई और संकलन का कार्य चल रहा है। वन विभाग की उदासीनता का फायदा आसपास के गांव के लोग उठाते हुए बड़े विशाल पेड़ भी धराशायी कर रहे हैं। मात्र इस गंभीर समस्या की ओर वनविभाग द्वारा अब तक ध्यान नहीं दिये जाने से आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है। बता देंं कि, आमतौर पर मई माह के शुरुआती दिनों में तेंदूपत्ता संकलन का कार्य किया जाता है।
उद्योगविहीन गड़चिरोली जिले में किसी प्रकार का स्थायी रोजगार उपलब्ध नहीं होने के कारण क्षेत्र के ग्रामीण आदिवासी तेंदूपत्ता संकलन कर पूरे वर्ष का बजट तैयार करते हैं। विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार तेंदू के पौधों से पत्तों की तुड़ाई करने को कहा गया है, लेकिन इन दिनों आदिवासी ग्रामीण तेंदू के बड़े पेड़ों को काटकर तेंदूपत्ते की तुड़ाई करते पाए जा रहे हैं। अहेरी उपविभाग में तेंदू के विशालकाय पेड़ आज भी मौजूद हैं, लेकिन लगातार हो रही पेड़ों की कटाई के कारण तेंदू वृक्षों का अस्तित्व अब खतरे में आन पड़ा है। ग्रीष्मकाल के आरंभ होने के पूर्व दावानल ने वनसंपदा को बड़े पैमाने पर नष्ट किया और अब तेंदूपत्ता संकलन के दौरान बड़े पेड़ों की कटाई शुरू होने से फिर एक बार वनसंपदा पर खतरा मंडराने लगा है। वनविभाग द्वारा इस समस्या पर अब तक ध्यान नहीं दिये जाने से आश्चर्य व्यक्त हो रहा है।
शीघ्र होगी कार्रवाई
तेंदूपत्ता संकलन का कार्य आरंभ होने के पूर्व लोगों में जनजागृति की गयी थी। मात्र पेड़ों की अवैध कटाई का मामला सामने आने पर संबंधित लोगों के खिलाफ यकिनन कार्रवाई होगी। विभाग के वनपाल व वनरक्षक सभी गतिविधियों पर नजर रखे हुए है।
- चंद्रकांत तांबे उपवनसंरक्षक, आलापल्ली
Created On :   17 May 2019 1:20 PM IST