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मराठा आरक्षण मामला : राज्य सरकार अध्यादेश निकालने के साथ शीघ्र पुनर्विचार याचिका दायर करें
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मराठा आरक्षण मसले में मुख्य हस्तक्षेप याचिकाकर्ता राजेन्द्र दाते पाटील ने कहा है कि मराठा आरक्षण पर लगी रोक को हटाने के लिए अध्यादेश निकालने और पुनर्विचार याचिका दायर करना ही एकमात्र विकल्प है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से आग्रह किया कि वह इस संबंध में जल्द से जल्द ठोस कदम उठाएं। दो दशक से भी अधिक समय से मराठा आरक्षण के लिए लड़ाई लड रहे औरंगाबाद के दाते पाटील ने कहा कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण कानून पर अमल अब संवैधानिक पीठ की अंतिम सुनवाई के बाद ही कर सकेगी। इसलिए मराठा छात्रों का साल बर्बाद न हो, इसके लिए सरकार को चाहिए कि वह इस मामले में शीघ्र सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव या पुनर्विचार याचिका दायर करें।
मराठा आरक्षण को लेकर सुनवाई के दौरान आरक्षण पर ठीक से पक्ष नहीं रखने और गायकवाड आयोग की रिपोर्ट पढी नहीं जाने का राज्य सरकार पर आरोप लगाया जा रहा है। इस मुद्दे पर दाते पाटील का कहना है कि 3 सिंतबर को हुई सुनवाई में मराठा आरक्षण मामला संवैधानिक बेंच को भेजा जाए या नहीं इस मुद्दे पर ही सुनवाई हुई थी। आयोग की रिपोर्ट पढने की बात ही नहीं थी। वैसे भी पूरी रिपोर्ट पढने की जरुरत नहीं होती। इसमें जो भी आरोप-प्रत्यारोप कर रहे है, इसमें उनका निहीत स्वार्थ छुपा हुआ है।
उन्होंने कहा कि मराठा को आरक्षण देने का कानून फडणवीस सरकार ने बनाया था। इसलिए अब उनकी भी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह मराठा आरक्षण पर सरकार के साथ मिलकर इसका समाधान निकाले
Created On :   15 Sept 2020 9:43 PM IST