मेडिकल पाठ्क्रम में मराठा आरक्षण लागू करने पर रोक, सरकार जाएगी सुप्रीम कोर्ट

Maratha reservation : Government will go to SC against HC judgment
मेडिकल पाठ्क्रम में मराठा आरक्षण लागू करने पर रोक, सरकार जाएगी सुप्रीम कोर्ट
मेडिकल पाठ्क्रम में मराठा आरक्षण लागू करने पर रोक, सरकार जाएगी सुप्रीम कोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मेडिकल के स्नातकोत्तर पाठ्क्रमों के प्रवेश पर मराठा आरक्षण को लागू करने पर बाम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ की ओर से लगाई गई रोक के खिलाफ प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेगी। गुरुवार को प्रदेश के राजस्व मंत्री तथा मराठा आरक्षण के लिए गठित राज्य मंत्रिमंडल की उपसमिति के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने यह जानकारी दी। पाटील ने कहा कि मेडिकल के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की प्रवेश प्रक्रिया पहले शुरू हो गई थी जबकि मराठा आरक्षण कुछ दिन बाद लागू हुआ। इस कारण कुछ तकनीकी मुद्दों पर नागपुर खंडपीठ ने प्रवेश प्रक्रिया को स्थगिति दी है। पाटील ने कहा कि राज्य में मराठा समाज को नौकरी और शिक्षा में 16 प्रतिशत आरक्षण लागू है। इससे संबंधित याचिका पर बाम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। लेकिन हाईकोर्ट ने आरक्षण पर रोक नहीं लगाई है। साथ ही अंतिम फैसले तक कानून के अनुसार नौकरी व शिक्षा में आरक्षण देने की प्रक्रिया चालू रखने को कहा है। इसके अनुसार राज्य में कार्यवाही शुरू है। 

मेडिकल और डेंटल पीजी प्रवेश प्रक्रिया में एसईबीसी आरक्षण नहीं

उधर हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने गुरुवार को जारी अपने आदेश में स्पष्ट किया कि, वर्ष 2019-20 की मेडिकल और डेंटल पीजी की प्रवेश प्रकिया में मराठा के सामाजिक और आर्थिक पिछड़े प्रवर्ग (एसईबीसी) के लिए आरक्षण लागू नहीं होगा। कोर्ट ने याचिकाकर्ता डॉ. शिवानी रघुवंशी और डॉ. प्रांजलि चरडे की याचिका काे आंशिक रूप से मंजूर कर लिया। याचिकाकर्ता ने ने कोर्ट में दावा किया था कि, प्रदेश के विविध सरकारी और निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में पीजी पाठ्यक्रमों के लिए जारी प्रवेश प्रकिया में कई गड़बड़ियां हैं। आरोप है कि, प्रवेश प्रक्रिया में ओबीसी से ज्यादा सीटें मराठा वर्ग के सामाजिक और आर्थिक पिछड़े प्रवर्ग (एसईबीसी) के लिए दर्शाई गई हैं। दरअसल, मराठा समाज की मांग के बाद सरकार ने एसईबीसी प्रवर्ग के तहत 16 प्रतिशत आरक्षण घोषित किया है। इसके अनुसार मेडिकल और डेंटल पीजी की सीटों पर आरक्षण तय किया गया। इसमें डेंटल के लिए निजी कॉलेजों में 383 सीटें हैं। इसमें से ओबीसी के लिए 36 और एसईबीसी के लिए 61 सीटें आरक्षित हैं। इसी तरह चिकित्सा (मेडिकल) पाठ्यकम के लिए उपलब्ध 461 सीटों में ओबीसी के लिए 45 सीटें और एसईबीसी के लिए 75 सीटें रखी गई हैं। याचिकाकर्ता के अनुसार, पीजी एडमिशन की प्रक्रिया मई 2018 में शुरू हो गई थी। तब मराठा समाज के लिए आरक्षण नहीं था। ऐसे में इस बार की प्रवेश प्रक्रिया में यह आरक्षण न लगाकर अगले साल लगाया जाए। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सुबोध धर्माधिकारी आैर एड.अश्विन देशपांडे ने पक्ष रखा। 
 

Created On :   2 May 2019 10:44 PM IST

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