मराठी साहित्यिक को इस बार भी नहीं मिल सकी साहित्य अकादमी की कमान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय भाषाओं का संरक्षण, संवर्धन एवं प्रचार-पसार करने वाले संस्थान साहित्य अकादमी के लेखक माधव कौशिक अध्यक्ष चुने गए है। साहित्य अकादमी अध्यक्ष के लिए शनिवार को चुनाव संपन्न हुआ। अध्यक्ष पद के लिए माधव कौशिक के साथ महाराष्ट्र से साहित्यिक रंगनाथ पठारे और कन्नड साहित्यिक डॉ मल्लपुरम व्यंकटेश चुनाव लड़ रहे थे।
चुनाव में साहित्य अकादमी कार्यकारिणी के 97 सदस्यों ने मतदान किया। इससे पहले 12 फरवरी 2018 से चंद्रशेखर कंबार साहित्य अकादमी के अध्यक्ष थे। अब कौशिक साहित्य अकादमी के नए अध्यक्ष चुने गए है। वे पांच साल तक साहित्य अकादमी की कमान संभालेंगे।
मराठी साहित्यिक को इस बार भी नहीं मिल सकी साहित्य अकादमी की कमान
साहित्य अकादमी की स्थापना 1952 में हुई, लेकिन अब तक इसका कोई मराठी लेखक अध्यक्ष नहीं बना है। पिछले चुनाव में मराठी साहित्यिक भालचंद्र नेमाडे अध्यक्ष पद के मुकाबले में थे, लेकिन कन्नड साहित्यिक चंद्रशेखर कंबार बाजी मार गए। इस बार मराठी साहित्यिक रंगनाथ पठारे के साथ तीन लोग अध्यक्ष पद के दौड़ में थे। इसमें पठारे और कन्नड साहित्यिक डॉ मल्लपुरम को पीछे छोड़ते हुए बाल सहित्यिक, कवी माधव कौशिक साहित्य अकादमी के अध्यक्ष निर्वाचित हुए।
बांदेकर साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित
महाराष्ट्र से प्रवीण बांदेकर को उनके मराठी उपन्यास ‘उजव्या सोंडेच्या बाहुल्या’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया। साहित्य अकादमी के वार्षिक साहित्योत्सव का शनिवार से आगाज हो गया। छह दिवसीय इस आयोजन के पहले दिन साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेताओं को वर्ष 2022 के लिए नव नियुक्त अध्यक्ष माधव कौशिक के हाथों पुरस्कार प्रदान किए गए। समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर अंग्रेजी लेखक उपमन्यु चटर्जी उपस्थित थे।
साहित्य अकादमी ने बीते दिसंबर में अपने प्रतिष्ठित वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कार 2022 की घोषणा की थी। इसमें 23 भारतीय भाषाओं के लिए पुरस्कार घोषित किए गए, जिसमें सात कविता संग्रह, छह उपन्यास, दो कहानी संग्रह, दो साहित्यिक समालोचना, तीन नाटक, एक आत्मकथा निबंध, एक संक्षिप्त सिंधी साहित्य इतिहास और एक लेख संग्रह की पुस्तकें शामिल थी।
Created On :   11 March 2023 9:36 PM IST