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गेंदे में लगा रोग, मुरझा रही फसल, किसान परेशान

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। नवरात्र एवं दशहरा पर जमकर फूलों की बहार ने त्योहार को महका दिया। इस दौरान गेंदा फूल 50 से 60 रुपए प्रतिकिलो के दाम पर बिका, लेकिन इस बार दीपावली के अवसर पर गेंदा फूल की कम आवक होने से इसके दाम में बढ़ोतरी के संकेत अभी से मिल रहे हैं। किसान एवं व्यापारियों के अनुसार लगातार बारिश एवं मौसम की अनियमितता ने गेंदा फूल की फसल को इस कदर प्रभावित किया है कि खेत में करीब 50 फीसदी फसल सूख गई है। पौधे आधे जले दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में इस बार गेंदा फूल के भाव दोगुने तक बढऩे की संभावना है।
धनतेरस पर मिला था तेज भाव: जिले में फूलों की खेती करने वाले किसान जयचंद ठाकरे एवं फूल विक्रेता हरेश मालवी ने बताया की कोरोना काल में भी बीते साल धनतेरस पर 120 से 150 रुपए प्रति किलो तक गेंदा फूल बिका था। जो दिवाली पर 70 से 80 रुपए तक नीचे उतर आया था। इस बार कम आवक से उसी दाम तक का स्तर छू सकते हैं।
चार एकड़ फसल चौपट: शहर में फूलों के विके्रता सोविन मालवी ने बताया कि चार एकड़ भूमि पर लगी गेंदा फूल की फसल रोग लगने से खराब हो गई है। ऐसा अनेक किसानों के साथ हुआ है। बड़ी संख्या में किसानों ने फसल लगाई है, लेकिन ज्यादातर किसान दूसरे जिले व राज्यों में फूल बेचते हैं। जिससे आवक कम हो सकती है जिससे दाम बढऩे की संभावना है।
इन फूलों का बढ़ा उत्पादन
जिले में सात प्रकार के फूलों की खेती का रकबा बढ़ा है। जिनमें गेंदा, गुलाब, सेवन्ती, ग्लाडिया, ग्लोडिअस, नवरंगा, रजनीगंधा की खेती बढ़ी है। जिले में लगभग 2640 हेक्टेयर में फूलों की खेती की जा रही है। जिसमें मोहखेड़, बिछुआ, छिंदवाड़ा, सौंसर, पांढुर्ना एवं परासिया विकासखंड के किसान फूलों की खेती कर रहे हैं।
कहां-कहां जाता है फूल
जिले के फूलों की खूशबू प्रदेश के जबलपुर, बालाघाट व भोपाल में महक रही है। वहीं छत्तीसगढ़ के रायपुर व दुर्ग, महाराष्ट्र के नागपुर, चंद्रपुर, गोंदिया व अमरावती तक जा रहा है।
क्या कहते हैं किसान
॥एक एकड़ भूमि पर गेंदा लगाया था, लेकिन इस साल अधिक बारिश की वजह से फसल में अल्टनेर्निया रोग लगने से फसल जल गई है। बीते साल अच्छे दाम मिले थे।
-रामेश्वर लोखण्डे, किसान पालामऊ
॥दो एकड़ खेत में गेंदा लगाया है। नवरात्र व दशहरा पर्व पर 20 क्ंिवटल गेंदा उत्पादन हुआ। धनतेरस व दीपावली पर 35 से 40 क्विंटल फसल की उम्मीद है। इस साल रोग लगने से फसल मुरझा रही है।
-नितेश चौधरी, किसान पालाखेड़
॥पांच वर्षों से फूलों की खेती कर रहे हैं, लेकिन इस साल डेढ़ एकड़ में लगी फसल में रोग लग गया है। जिससे फसल का उत्पादन 50 फीसदी प्रभावित हुआ है। बची फसल से त्योहार पर अच्छे दाम की उम्मीद है।
-विलाश नागरे, किसान पालाखेड़
इनका कहना है
॥अधिक बारिश एवं तापमान में उतार-चढ़ाव के चलते फसल में बैक्टीरियल ब्लाइट रोग लगता है। जिसमें पत्ते सूख जाते हैं तथा जले जैसे दिखाई देते हैं। जिससे फसल का उत्पादन प्रभावित होता है। खराब हो रही फसल पर रेडेमिल्क गोल्ड डेढ़ से दो ग्राम की मात्रा एक लीटर पानी में मिलाकर स्पे्र करने से बीमारी की रोकथाम की जा सकती है।
-राजकुमार कोरी
संचालक उद्यानिकी विभाग
Created On :   19 Oct 2021 11:21 PM IST