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रेशम उत्पादकों को मार्केट उपलब्ध कराया जाएगा : देशमुख

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य के सहकार व वस्त्रोद्योग मंत्री सुभाष देशमुख ने दावा किया कि, कम लागत में रेशम का ज्यादा उत्पादन होता है और रेशम उत्पादक किसानों को मार्केट उपलब्ध कराया जाएगा। पाटील ने डॉ. वसंतराव देशपांडे सभागार में महारेशम अभियान-2019 के उद्घाटन पर कहा कि, रेशम की खेती को कम लागत मूल्य लगता है। गन्ना व अन्य खेती की अपेक्षा इसमें कम लागत में ज्यादा उत्पादन मिलता है। रेशम उत्पादक किसानों को पहले साल सहकारी संस्था या बैंक की तरफ से वित्तीय मदद दी जाती है। सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जाता है। रेशम की खेती को बीमा कवर देने की कोशिश की जा रही है। रेशम को मार्केट भी उपलब्ध कराया जा रहा है। रेशम उत्पादक किसान मुनाफा कमाता है। रेशम की मांग दुनिया में बढ़ रही है। इसे प्रोत्साहन देना जरूरी है। रेशम ग्राम के माध्यम से किसान को एक ही जगह सारी सुविधा उपलब्ध कराई जाएंगी। मिल्क से सिल्क यह संकल्पना आगे की जा रही है। रेशम पारंपारिक खेती को संलग्न व्यवसाय का मॉडल बनेगा। युवाओं को रेशम खेती में दिलचस्पी लेने का आह्वान किया।
हथकरघा महामंडल के अध्यक्ष प्रकाश पाटील ने कहा कि, हथकरघा उद्योग को निधि उपलब्ध कराई जाएगी। रेशम उद्योग व हथकरघा उद्योग के माध्यम से मार्केटिंग व्यवस्था को गति दी जाएगी। वस्त्रोद्योग विभाग के सचिव अतुल पाटणे, विधायक प्रा. जोंगेंद्र कवाडे ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर प्रमुखता से उपायुक्त संजय धीवरे, बैंक के प्रतिनिधि सुभाष शेंडे, रेेशम संचालनालय की संचालक भाग्यश्री बानायत, जी.एन. राठोड़ उपस्थित थे। महारेशम अभियान के उद्घाटन के बाद फैशन-शो हुआ। मंच संचालन ए.पी. मोहिते ने किया।
रेशम उत्पादक किसान पुरस्कृत
रेशम उत्पादक किसानों को सम्मानित किया गया। उत्कृष्ट रेशम उत्पादक अविनाश वाट, संदीप निखाड़े, वामन डहारे, यशवंत ठाकरे, कालिदास बावणे, रवींद्र पंडित, डॉ. संतोष थोटे, विजय पाटील समेत 30 किसानों को शाल-श्रीफल, प्रमाणपत्र व रेशम की माला देकर सम्मानित किया गया। रेशम उत्पादन से इन किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ है।
Created On :   16 Dec 2018 6:01 PM IST