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तामिया के कर्रापानी बस्ती में लगी भीषण आग, 6 मकान खाक

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा/तामिया। तहसील मुख्यालय से लगभग 25 किमी दूर कर्रापानी गांव में बुधवार को दोपहर तीन बजे आगजनी में छह मकान पूरी तरह खाक हो गए। गांव के लोगों ने एकजुट होकर आग रोकने जीतोड़ प्रयास किया। बस्ती के मकानों को आग से बचाने जेसीबी से दो मकानों को ध्वस्त करना पड़ा। लगभग चार बजे न्यूटन चिखली और लगभग पांच बजे परासिया, न्यूटन और जामई से पहुंचे फायर बिग्रेड ने मकानों की आग पर काबू पाया।
टीआई प्रीतम तिलगाम ने बताया कि कर्रापानी बस्ती में अज्ञात कारणों से लगी आग से कल्याण सिंग भारती, भैयालाल भारती, राजू भारती, भम्मू भारती, कलसराम भारती और अकलसिंग भारती के मकान पूरी तरह जल गए हंै। नायब तहसीलदार शशांक मेश्राम ने कहा कि खाने की वैकल्पिक व्यवस्था बना दी गई है जल्द ही पटवारी से रिपोर्ट मंगवाकर मुआवजा दिलाने कार्यवाही की जाएगी।
जेसीबी से ढहाने पड़े मकान
कर्रापानी बस्ती के बीच कल्याणसिंह भारती मकान में धुआं देखकर परिवार के लोग बाहर आए। कच्ची छत वाले मकान में आग तेज गर्मी और हवा के कारण पल भर में ही आसपास के घरों तक पहुंच गई। पल भर में कतार में शामिल सभी मकान के लोग घर से बाहर निकल आए। लोगों ने अपने घरों से पानी लाकर आग बुझाने का प्रयास किया किंतु आग बेकाबू होती गई। महज 15-20 मिनट के दौरान चार मकानों तक आग पहुंच गई। आग को रोकने के लिए गांव के ही पास चल रहे निर्माण स्थल पर खड़ी जेसीबी लाई गई और आग के दोनों तरफ के मकान ढहा दिए गए जिससे आग फैलने से रुक गई।
अधिकांश घरों में महज बच्चे
महुआ का सीजन होने के कारण गांव के अधिकांश महिला पुरुष महुआ फूल बीनने गए थे जबकि कुछ लोग गांव के करीब बन रहे डेम में मजदूरी करने गए थे। गांव में धुआं और आग की लपटें देखकर लोग बस्ती की तरफ भागे। तब तक आग आसपास के छह मकानों तक पहुंच चुकी थी। गांव में जब फायर बिग्रेड वाहन पहुंचे तो यहां पानी भरने के लिए कोई जलस्त्रोत नहीं मिला तो आसपास के गांवों से पानी भरकर लाया गया। देर शाम तक आग बुझाने के बाद पीडि़त 6 परिवारों के सदस्यों को गांव के आंगनबाड़ी केंद्र में रुकवाया गया। तहसीलदार संजय बरैया ने सभी परिवारों को राशन दुकान से मुफ्त राशन दिलाने के निर्देश दिए हैं।
आशा कार्यकर्ता का रिकार्ड जला
पीडि़तों में शामिल कल्याण सिंह भारती अतिथि शिक्षक है तो उसकी पत्नी जीराबाई आशा कार्यकर्ता है। आगजनी में जीराबाई का सारा रिकार्ड जल गया। ग्रामीणों के अनुसार सभी मकानों में रखा अनाज, कपड़े, बिस्तर सहित गृहस्थी का सारा सामान खाक हो गया। मकानों में केवल दीवारें ही बची हैं। मकानों के खिड़की, दरवाजे और छत पर लगी लकडिय़ां भी पूरी तरह खाक हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रति परिवार लगभग 4 से 5 लाख रुपए का नुकसान हुआ है।
Created On :   30 March 2022 11:22 PM IST