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यवतमाल के 17 सेतु केंद्रों में चार वर्ष में हुई करोड़ों की धांधली, RTI से हुआ उजागर

डिजिटल डेस्क, वणी (यवतमाल)। जिले के 17 सेतु सुविधा केंद्र में 9 करोड़ की धांधली का मामला सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में उजागर हुआ है। इस प्रकरण में वणी के एसडीओ के जरिए जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर जांच की मांग की गई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि प्रति प्रमाणपत्र 20 रुपए शुल्क होने के बावजूद नागरिकों से 57 रुपए 20 पैसे वसूले जा रहे हैं। इस तरह जिले की 16 तहसील व एक मुख्यालय ऐसे हैं 17 केंद्र सेतु से 9 करोड़ से ज्यादा राशि वसूली गई है।
दिग्रस के सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप भोयर ने सूचना अधिकार के तहत मांगी जानकारी में बताया गया है कि 2014 में गुजरात के इन्फोटेक कंपनी को इन 17 केंद्रों का ठेका प्रति प्रमाणपत्र व प्रतिज्ञा लेख 20 रुपए के हिसाब से दिया गया, लेकिन इन 17 केंद्रों से 2 लाख 13 हजार 860 प्रतिज्ञा लेख तो 15 लाख 19 हजार 482 ऐसे कुल 17 लाख 33 हजार 342 प्रमाणपत्र स्वीकृत हुए। इसमें ठेकेदार ने 20 रुपए शुल्क के हिसाब से 3 करोड़ 46 लाख 66 हजार 840 रुपए जनता से वसूलने चाहिए थे, लेकिन ठेेकेदार ने प्रतिज्ञा लेख 38 रुपए 40 पैसे व प्रमाणपत्र के 57 रुप ए 20 पैसे वसूले यह राशि 6 करोड़ 4 लाख 59 हजार 754 रुपए हो रही है।
सभी प्रमाणपत्र आनलाइन होने के बावजूद हाथ से लिखे आवेदन की जरूरत न होते हुए भी उसकी बिक्री सेतु से की। एक आवेदन का मूल्य 20 रुपए के हिसाब से 15 लाख 19 हजार 482 लोगों को ये आवेदन बेचे गए। इसमें से 3 करोड़ रुपए वसूले गए। उसी प्रकार ठेके के करार के अनुसार सभी केंद्रों पर नए कम्प्यूटर, नए प्रिन्टर, नए स्कैनर, टेबल, कुर्सी, फर्नीचर, पृथक बिजली कनेक्शन और इंटनेट सेवा लेनी थी। जिसके लिए 50 लाख की सामग्री लगनी थी।
इस कंपनी ने पुरानी सामग्री लाकर उससे काम चलाया, जिससे आधे से ज्यादा सामग्री बंद पड़ी हुई है। इस कंपनी के पास सामग्री खरीदने का बिल भी नहीं है। कुछ अधिकारियों से हाथ मिलाकर यह कंपनी सरकार को करोड़ों का चूना लगा रही है। इस कारण सामाजिक कार्यकर्ता भोयर ने वणी एसडीओ प्रकाश राऊत के जरिये जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर जांच की मांग की है।
प्रमाणपत्र के अनुसार शुल्क
सेतु केंद्र में अलग-अलग प्रमाणपत्र के लिए अलग-अलग राशि तय की गई है। सभी कागजातों के लिए 37 रुपए से अधिक राशि लगती है। ज्यादा कागजात हो तो अधिक राशि लगेगी। 20 रुपए शुल्क किसी भी प्रमाणपत्र में नहीं लगता। मामला के जिलाधिकारी कार्यालय मेंं आने के बाद जांच की जाएगी।
नरेंद्र फुलझेले, निवासी उपजिलाधिकारी, यवतमाल
Created On :   4 July 2018 2:46 PM IST