मायावती ने कहा कि देश पीछे जा रहा है। इसके लिए कांग्रेस और भाजपा शासन जिम्मेदार है। कांग्रेस, भाजपा की सरकारें उद्योगपतियों की मदद से जीतकर आई हैं, जिससे दोनों पार्टियों की सरकारों की नीतियां सिर्फ चुनिंदा धन्नासेठों के हित में रहीं। नोटबंदी, जीएसटी के कारण देश की अर्थव्यवस्था की कमर टूट गई है। कांग्रेस और भाजपा की अंदरूनी साठगांठ ने दलित, आदिवासी व पिछड़े वर्गों का सरकारी पदों में आरक्षण प्रभावहीन बना दिया है। निजी क्षेत्र में आरक्षण का प्रावधान किए बिना उन्हें उद्योगपतियों को दिया जा रहा है। अगर बसपा सत्ता में आती है, तो निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू किया जाएगा। उन्होंने अन्य पार्टियों के लोकलुभावन घोषणापत्र के झांसे में न आने का आह्वान करते हुए कहा कि बसपा कोई घोषणापत्र जारी नहीं करती है।
मैं सही समय पर बौद्ध धम्म की दीक्षा लूंगी
14 अक्टूबर 1956 को डॉ. बाबासाहब आंबेडकर द्वारा नागपुर की दीक्षाभूमि पर अपने लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धम्म दीक्षा लेने का उल्लेख करते हुए बसपा नेता मायावती ने कहा कि आप लोग मेरे बारे में भी सोचते होंगे। बहनजी कब बौद्ध धम्म की दीक्षा लेगी। मैं दीक्षा जरूर लूंगी, लेकिन सही और उचित समय पर। मेरे साथ पूरे देश के लोग धर्म-परिवर्तन करें। यह कार्य तभी संभव हो सकता है, जब बाबासाहब के अनुयायी राजनीति के क्षेत्र में उनके बताए रास्ते पर चलेंगे। दु:ख की बात है कि हमारे लोग बाबासाहब के बताए रास्ते पर नहीं चलते। सिर्फ ‘वोट हमारा, राज तुम्हारा’ नारा लगाने से काम नहीं चलेगा। उस पर हमें अमल भी करना होगा। कांशीराम ने जब मूवमेंट शुरू किया था, तब वे बहुत दु:खी थे। मैं भी बहुत दु:खी हूं। आप अभी तक महाराष्ट्र में रिजल्ट नहीं दिखा पाए हैं।